बड़ी खबर: यूपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा रद्द, जानें 12वीं के लिए क्या है प्लान

UP BOARD की दसवीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। इस साल दसवीं कक्षा के छात्रों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला मुख्यमंत्री योगी ने लिया है।

सीएम योगी को करना था फैसला

दरअसल, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करने के कयास काफी पहले से लगाए जा रहे थे, लेकिन इस पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री योगी को करना था। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने शनिवार को दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने का एलान किया। वहीं, 12वीं की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी।

छात्रों के हित में फैसला

देश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि इंटरमीडिएट की परीक्षा पूर्व की तरह इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में संपादित की जाएगी। छात्रों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को प्रश्नपत्र में दिए गए 10 प्रश्नों में से किन्ही 3 प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी।

UP NEWS: ग्राम प्रधानों को सीएम योगी का मंत्र, बोले- अलर्ट मोड में रहें

सीएम योगी ने शुक्रवार शाम 58,16 नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से बात की। इस दौरान उन्होंने गांव के विकास को लेकर बजट के सही प्रयोग की बात कही। वर्चुअल आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि ग्राम प्रधान अलर्ट मोड पर हों। कोरोना मुक्त गांव बनने की होड़ होनी चाहिए।  up news

योगी सरकार का फरमान: यूपी में लागू हुआ एस्मा एक्ट, 6 महीने तक अब कोई हड़ताल नहीं

32 फीसदी गांव में संक्रमण

सीएम योगी हमने एक सर्वे कराया था, जिसमें 32 फीसदी गांवों में संक्रमण पाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, 68 फीसदी गांव ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी जागरुकता के चलते संक्रमण को दूर किया। योगी ने प्रधानों से बातचीत के दौरान कहा कि, मैंने पिछले दिनों कई गांवों का दौरा किया, लेकिन कई जगहों पर अभी भी मास्क का उपयोग नहीं किया जा रहा है।

FACT CHECK: क्या प्याज पर लगे काले दाग से फैल सकता ब्लैक फंगस?

उन्होंने कहा कि, प्रधान की जिम्मदारी है कि, लोगों को जागरूक बनाये और भीड़-भाड़ न होने दे। उन्होंने कहा कि, बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों को जिनमें बुखार, खांसी हो उन्हें मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग की टीम को 24 घंटे के भीतर बुलाकर उनका एंटीजन टेस्ट कराया जाए। up news

यूपी पुलिस भर्ती : सब इंस्पेक्टर के 9027 पदों पर 15 जून तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

Cyclone Update: क्या आप जानते है कि आगामी तूफानों का भी नामकरण हो गया है?

Cyclone Update : हमारे सामने जब भी किसी तूफान की खबर आती है तो हमें उसके नाम से आश्चर्य जरूर होता है। ताउते, लैला, कटरीना जैसे नामों को पढ़कर या सुन कर हमारे दिमाग में कई सवाल पैदा हो जाते हैं। कई बार यह भी दिमाग में आ जाता है कि जब ये इतने ताबाही मचाते हैं तो इनके ऐसे साधारण से नाम क्यों रखे जाते हैं। तो आइए आज आपको इसके बारे में सारी बातें विस्तार से बताते हैं।

यह जानना दिलचस्प है कि तबाही मचाने के लिए कुख्यात इन तूफानों (Cyclone) का नाम कैसे रखा जाता है

दरअसल तूफानों के नाम एक समझौते के तहत रखे जाते हैं। इस पहल की शुरुआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में एक संधि के माध्यम से हुई थी। अटलांटिक क्षेत्र में ह्यूरिकेन और चक्रवात का नाम देने की परंपरा 1953 से ही जारी है 1953 से अमेरिका के मायामी स्थित नेशनल हरीकेन सेंटर और वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन (डब्लूएमओ) की अगुवाई वाला एक पैनल तूफ़ानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता था। डब्लूएमओ संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है। 1953 से अमेरिका केवल महिलाओं के नाम पर तो ऑस्ट्रेलिया केवल भ्रष्ट नेताओं के नाम पर तूफानों का नाम रखते थे। लेकिन 1979 के बाद से एक मेल व फिर एक फीमेल नाम रखा जाता है।

तूफ़ान यास के बाद आने वाले तूफानों के नाम कुछ इस प्रकार है –

पाकिस्तान          गुलाब

कतर               शाहीन

सऊदी             अरब जावद

श्रीलंका              असानी

थाइलैंड              सितरंग

यू ए ई                मंदौस

यमन                  मोचा

हालांकि पहले उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवातों का कोई नाम नहीं रखा जाता था.

हिन्द महासागर क्षेत्र में यह व्यवस्था साल 2004 में शुरू हुई जब भारत की पहल पर 8 तटीय देशों ने इसको लेकर समझौता किया। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं। इन सभी देशों ने मिलकर तूफानों के लिए 64 नामों की एक सूची बनाई है। इनमें हर देश की तरफ से आठ नाम दिये गये हैं। इस नई व्यवस्था में चक्रवात विशेषज्ञों के एक पैनल को हर साल मिलना है और जरूरत पड़ने पर सूची में और नाम जोड़े जाने हैं।

 

क्या आपको भी मिला WhatsApp का ये वायरल मैसेज? जानें 3 टिक और सरकारी कार्रवाई का पूरा सच

WhatsApp पर एक मैसेज फॉर्वर्ड हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि अब सरकार आप पर पूरी तरह से निगरानी रखेगी। आप अगर वाट्सएप पर कुछ गलत मैसेज भेजते हैं तो आप पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। हाल ही में सोशल मीडिया को लेकर देश में काफी बहस शुरू हो गई है। फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम के बंद होने की बात भी सामने आई थी। अब वाट्सएप पर वायरल इस मैसेज ने लोगों के सर में दर्द पैदा कर दिया है। आइए जानते हैं कि इस वायरल मैसेज में क्या बात है और उसमें कितनी सच्चाई है।

WhatsApp पर वायरल मैसेज में क्या बात कही गई है?

सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि अब देश में एक आईटी कानून लागू हो गया है। इस कानून के बाद सभी के वाट्सएप मैसेज और कॉल पर सरकार की नजर होगी। आगे कहा गया है कि ये सारे नियम वाट्सएप पर लागू कर दिए गए हैं। इसमें बताया गया है कि अगर मैसेज पर ब्लू टिक व एक रेड टिक है तो सरकार कार्रवाई कर सकती है। वहीं तीन रेड टिक होने पर आप पर हुई कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। अगर आप को भी इस तरह का कोई मैसेज मिला है तो बिलकुल न घबराएं। यह मैसेज फर्जी है।

क्या है इस मैसेज की सच्चाई?

इस वायरल मैसेज में सच्चाई जैसा कुछ नहीं है। वाट्सएप ने अभी तक ऐसा कोई नया नियम नहीं लागू किया है। फिलहाल WhatsApp पर दो ही टिक नजर आते हैं। आपको बता दें, अगर आप किसी को मैसेज सेंड करते हैं तो एक टिक, वह मैसेज उसके फोन में पहुंच जाए तो दो टिक हो जाता है। इसके बाद जब आपका मैसेज सामने वाले ने देख लिया तो दो ब्लू टिक आपको दिखने लगते हैं।

योगी सरकार का फरमान: यूपी में लागू हुआ एस्मा एक्ट, 6 महीने तक अब कोई हड़ताल नहीं

Samachar up – योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक प्रदेश में अब किसी भी तरह की हड़ताल करने की अनुमति नहीं होगी। कोरोनाकाल में स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है।

पूरे प्रदेश में अगले 6 महीने के लिए एस्मा एक्ट लागू कर दिया गया है। इस कानून को यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मुहर के बाद यह कानून प्रदेश के हर कर्मी पर लागू हो गया है।

स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग के चलते लिया गया है फैसला-

सूबे की योगी सरकार ने कोरोनाकाल में स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग की संभावित हड़ताल को रोकने के लिए पूरे प्रदेश में एस्मा एक्ट लागू कर दिया है। इस एक्ट के लागू होने के बाद इन विभागों के कर्मचारी किसी भी तरह की हड़ताल नहीं कर पाएंगे।

ये भी पढ़े–

एस्मा कानून क्या होता है? ( What is asma )

एस्मा कानून का प्रयोग हड़ताल रोकने के लिए किया जाता है। बता दें, इसका पूरा नाम आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून है। एस्मा अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल करता पाया जाता है तो वह अवैध और दण्डनीय होगी।

FACT CHECK: क्या प्याज पर लगे काले दाग से फैल सकता ब्लैक फंगस?

एक ओर जहां लोग ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अस्पतालों का रुख कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ब्लैक फंगस और उसके उत्पन्न होने की वजहों को लेकर कई किस्म के दावे किए जा रहे हैं। (fact check of black fungus in onino)

कुछ दावे तो ऐसे हैं जिनमें कहा जा रहा है कि घर में रखे फ्रिज और प्याज से भी ब्लैक फंगस हो सकता है। तो बता दें कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है।

ये भी पढ़ें—

क्या है फेसबुक पोस्ट में!

pyaj me black fungus kya hai sach, black fungus on onion,fact check

वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा- ‘घरेलू ब्लैक फंगस से सावधान रहें। अक्सर जब आप प्याज खरीदते हैं, तो आपने उस पर एक काली परत जरूर देखी होगी। दरअसल, ये ब्लैक फंगस है। रेफ्रिजरेटर के अंदर रबर पर दिखाई देने वाली काली फिल्म भी ब्लैक फंगस है। fact check of black fungus in onino

आपको बता दें कि इस फेसबुक पोस्ट में किया गया हर दावा पूरी तरह से झूठा है। रेफ्रिजरेटर के अंदर एक काला मोल्ड बनाने वाला फंगस और प्याज पर काली परत बनाने वाला फंगस, म्यूकोरमाइकोसिस का कारण बनने वाले फंगस से बिल्कुल अलग है। इसलिए दावा झूठा है।

Samachar up की अपील

समाचार यूपी ( samachar up ) भी आप सभी से अपील करता है कि फेक खबरों को शेयर करने से बचें। अगर ऐसी कोई खबर सोशल मीडिया पर दिख रही है तो उसकी जांच पड़ताल कर लें। ( fact check of black fungus in oninon)

WhatsApp के कोर्ट जाने पर सरकार का बयान

WhatsApp ने 25 मई को भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली HC में एक याचिका दर्ज की है। ये केस भारत सरकार के नए IT नियमों के खिलाफ है। मैंसेंजर ऐप ने दलील देते हुए कहा है कि नए नियमों से यूजर्स की प्राइवेसी प्रभावित होगी। इस केस की आज सुनवाई हुई, जिसमें सरकार ने कहा कि हम राइट टू प्राइवेसी का सम्मान करते हैं। नई गाइडलाइन के मुताबिक जरूरत पड़ने पर WhatsApp को मैसेज का ओरिजिन बताना होगा, मतलब मैसेज ट्रेस करना होगा। whatsapp ban news in india

क्यों मचा है बवाल

फरवरी 2021 में सरकार ने सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी। इन्हें लागू करने के लिए कंपनियों को तीन महीने का समय दिया गया था। इसकी डेडलाइन आज यानी 26 मई को खत्म हो रही है। सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइंस में साफ लिखा गया है कि देश में सोशल मीडिया कंपनियों को कारोबार की छूट है, लेकिन इस प्लेटफॉर्म के हो रहे दुरुपयोग को रोकना जरूरी है। whatsapp ban news in india

सरकार का क्या है कहना

सरकार का कहना है कि WhatsApp को मैसेज का ओरिजिन बताना होगा, मतलब मैसेज ट्रेस करना होगा। इस तरह की जरूरत उन मामलों में पड़ती है, जब किसी मैसेज को रोकना हो या उसकी जांच करना हो। ऐसी स्थिति में भी मैसेज
की जरूत हो सकती है। कोई गंभीर ऑफेंस कर ले जिससे भारत की संप्रभूता पर खतरा हो।

सरकार की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि भारत की संप्रभुता, अखंडता या दूसरे देशों के साथ फ्रेंडली रिलेशन में कोई दिक्कत आती है, तो ऐसे में मैसेज के ओरिजिन की जरूरत होगी। इसके अलावा रेप, सेक्सुअल मेटेरियल या चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मेटेरियल की जांच पड़ताल के लिए भी इसकी जरूरत होगी।

ये भी पढ़ें—

क्या है WhatsApp का कहना

WhatsApp की ओर से कहा गया है कि ऐसा करने पर यूजर्स की प्राइवेसी के साथ समझौता होगा। एक मैसेज का ओरिजन ट्रेस करने का मतलब WhatsApp के सभी यूजर्स के मैसेजों का ट्रेस करना होगा और इसके लिए डेटाबेस तैयार करना होगा। इससे यूजर्स का डेटा भी कंपनी के पास होगा। इससे यूजर की प्राइवेसी को खतरा होगा।whatsapp ban news in india

केंद्रीय मंत्री का दावा, कोई फर्क नहीं पड़ेगा

हालांकि, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक सोशल मीडिया गाइडलाइन्स से WhatsApp के नॉर्मल फंक्शन्स पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसका नॉर्मूल यूजर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

तूफान यास को लेकर यूपी के इन जिलों में अलर्ट, भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) का यूपी के किन जिलों में असर होगा इसका अनुमान जारी कर दिया है। अनुमान के मुताबिक 27 और 28 मई को प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भारी से भारी बारिश हो सकती है। Yas tufaan news up

इसमें पूर्वांचल के साथ-साथ तराई के भी कई जिले शामिल हैं। इस दौरान बारिश के साथ-साथ इन जिलों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 27 मई की सुबह से लेकर 28 मई की सुबह तक कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, मऊ और गाजीपुर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। Yas tufaan news up

ये भी पढ़ें—

इसके अलावा सिद्धार्थ नगर, बस्ती, महाराजगंज, अंबेडकर नगर, जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, भदोही, चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र में हल्की से भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। 28 तारीख की सुबह से लेकर 29 तारीख की सुबह तक जिन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

इन जिलों में है अलर्ट

श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, अंबेडकरनगर, आजमगढ़ और मऊ. इसके अलावा इसी दिन बस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर और जौनपुर में हल्की से भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है.

आज से भारत में बैन हो जाएंगे Facebook, WhatsApp और Instagram? जानें क्या हैं भारत सरकार के नए नियम

भारत सरकार ने तमाम सोशल मीडिया साइट्स को फरवरी में 3 महीने के अंदर नई गाइडलाइन को लागू करने के आदेश दिए थे। जिसकी अंतिम तारीख 26 मई 2020 थी। भारत में Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram के करोड़ों यूजर्स हैं। इस कारण से जब मंगलवार को लोगों को इन एप्स के बंद होने के बारे में पता चला तो सब परेशान हो गए। सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों को जिन साइट्स ने नहीं माना है उन्हें भारत में बैन करने की बात कही जा रही है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं-

क्या कहती है भारत सरकार की गाइडलाइन-

फरवरी के महीने में मोदी सरकार ने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियम बनाए थे। इस हिसाब से सभी कंपनियों को भारत में अपना एक फिजिकल ऑफिस बनाना अनिवार्य है। उन्हें भारत में नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त करना होगा। इस अधिकारी को 15 दिन के अंदर सोशल मीडिया पर आई शिकायतों का निपटारा करना होगा। इस सब के अलावा सभी को अपनी मंथली सोशल मीडिया रिपोर्ट जारी करनी होगी। सभी साइट्स को ये भी बताना होगा कि उन्होंने किस पोस्ट को हटाया और क्यों हटाया।

Facebook, WhatsApp, Twitter और Instagram में से किसने मानी सरकार की बात?

भारत सरकार के नए नियमों को फिलहाल हाल ही में लॉच हुए Koo App ने ही माना है। वहीं ट्विटर ने इसे लागू करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है। बात करें फेसबुक की तो उनका कहना है वो केंद्र सरकार के फैसले का सम्मान करते हैं। वे उनके साथ सामंजस्य बनाने के लिए सरकार से लगातार संपर्क में हैं। अब 26 मई को शाम तक इन सभी साइट्स की सारी तस्वीर साफ होने की उम्मीद की जा रही है।

सभी पर हो सकती है कार्रवाई-

नई गाइडलाइन को न मानने पर भारत सरकार तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर कार्रवाई कर सकती है। फरवरी में जारी हुए आदेश को 25 मई को 3 माह पूरे हो गए। अभी तक बस Koo App ने ही इन नियमों को माना है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन कंपनियों के खिलाफ क्या कदम उठाती है।

भारत में कैसा दिखेगा चंद्र ग्रहण? जानिए कब शुरू और कब खत्म होगा दुर्लभ खगोलीय नजरा

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना होने के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी रखती है। पृथ्वी के सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाने से चंद्र ग्रहण लगता है। जिस दिन पूर्णिमा होती है उसी दिन यह घटना घटित होती है। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है। ऐसे में इसकी सारी जानकारी आपको हम देंगे। तो जानिए क्या होगा कल- ( chandra grahan kab lagega )

साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण-

26 मई को होने वाला चंद्रग्रहण इस साल का पहला ग्रहण होगा। भारत में उपच्छाया ग्रहण दिखाई देगा। पंचांग के अनुसार दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर इसकी शुरुआत होगी जो शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। यह ग्रहण विक्रम संवत् 2078 में वैशाख पूर्णिमा के दिन वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लग रहा है। बता दें, इसे ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, अमेरिका और प्रशांत महासागर के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। chandra grahan kab lagega

ज्योतिष अनुसार इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं- chandra grahan time

विशेषज्ञों के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए। कहा जाता है इस समय भगवान की मूर्तियों और तुलसी के पौधे को हाथ नहीं लगाना चाहिए। ग्रहण की अवधि में भोजन बनाने और खाने से परहेज करना चाहिए। वहीं शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मना किया जाता है। इस सब के अलावा आप इस दौरान बालो में कंघी, सोने का प्रयोग बिलकुल न करें। गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने में परहेज करें। chandra grahan timing in india