इण्डेन कम्पनी का रिफिल (सिलेंडर) बुकिंग नंबर बदला

इंडेन गैस सिलेंडर वालो के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है ।
उत्तर प्रदेश में इण्डेन कम्पनी का रिफिल (सिलेंडर) बुकिंग नंबर (आईवीआरएस) एक नवम्बर यानी आज से बदल दिया जाएगा। एक नवम्बर से सिलेंडर बुक कराने के लिए उपभोक्ताओं को 7718955555 नंबर डायल करना पड़ेगा ।

यह सेवा उपभोक्ताओं के लिए पुरे 24 घंटे और पूरे हफ्ते उपलब्ध रहेगी। इंडेन गैस के एलपीजी ग्राहक अब पूरे देश में कहीं भी चले जाएं उनका आईवीआरएस नम्बर नहीं बदलेगा।

आईओसी के डीजीएम मनीष कुमार ने अपने हवाले से यह बताया कि इंडेन के सिलेंडर बुकिंग के लिए वर्तमान में चल रही विभिन्न टेलीकॉम सर्किल में जारी अलग-अलग फोन नंबरों की प्रणाली को 31 अक्तूबर को मध्य रात्रि के बाद से बंद कर दिया जाएगा।

अब लोगों/उपभोक्ताओं को अपने एलपीजी सिलेंडर को रिफिल करवाने के लिए नये नम्बर 7718955555 पर सिलेंडर बुक कराना होगा।उपभोक्ता अब भले ही पूरे देश में कहीं भी रहें कहीं भी जाएं उनका आईवीआरएस नम्बर भी नहीं बदलेगा ।

रंग ला रही सीएम योगी की मेहनत, यूपी में निवेश की बौछार, 1.35 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

कोरोना वायरस के कारण भले ही देश दुनिया की आर्थिक स्थिति बुरी हो लेकिन उत्तर प्रदेश में निवेश की दृष्टि से अच्छे दिनों का आगमन अब होने लगा है। राज्य में में देश और विदेश की अनेकों कंपनियों के माध्यम से अब तक 45 हजार करोड़ के निवेश का रास्ता साफ हो गया है।

इन देशों ने किया है निवेश

अमेरिका, जर्मनी , जापान , ब्रिटेन , कनाडा व दक्षिण कोरिया जैसे कई देशों ने उत्तर प्रदेश में निवेश का प्रस्ताव आगे किया है। इसके अलावा प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने भी अब तक निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ (326भूखंड) आवंटित किए हैं।

शुक्रवार को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (IIDC) आलोक टंडन ने इस बात की जानकारी दी। इस निवेश के माध्यम के जरिए प्रदेश भर में लगभग 1.35 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है ।

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निवेश करने वाली कंपनी

राज्य में निवेश करने वाली इन कंपनियों में हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग और माउंटेन व्यू टेक्नॉलॉजी आदि जैसी कई कंपनियां शामिल हैं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप और गिरती अर्थव्यस्था के कारण निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मजदूर , निवेश व अन्य कई कानूनों में बड़े बदलाव किए गए थे।

निवेश मित्र पोर्टल

प्रदेश सरकार के द्वारा किए गए इन प्रमुख सुधारों में से एक ‘निवेश मित्र’ नाम के पोर्टल का कार्यान्वयन भी है। यह भारत का सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से सभी उद्यमियों को लगभग 166 विभिन्न सेवाएं दी जाती हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला- केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं

धर्म परिवर्तन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज कर दिया।

दरअसल मुजफ्फरनगर जिले के विवाहित जोड़े ने परिवारवालों को उनके शांति पूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए उसे खारिज दिया है।

जस्टिस एम सी त्रिपाठी की एकलपीठ ने दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने नूर जहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। इस केस में हिन्दू लड़की ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी।

पाकिस्तानी सांसद ने कबूला – डर से कांपते हुए अभिनंदन को किया था हिंदुस्तान को वापस

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के घर वापसी को लेकर पाकिस्तान का डर और झूठ दोनों ही बेनकाब हो गए हैं । पाकिस्तान को इस बात का डर था कि अगर उसने अभिनंदन को आजाद नहीं किया तो भारत किसी भी वक्त पाकिस्तान पर हमला बोल देगा ।

हाल ही में पाकिस्तानी संसद की कार्रवाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पाकिस्तान के विपक्षी सांसद अयाज सादिक यह बयान देते नजर आ रहें हैं कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कांप रहे थे। अभिनंदन को लेकर वो कह रहे थे कि खुदा के वास्ते उसे जाने दें। पाकिस्तान को डर था कि अगर फायटर प्लेन पायलट अभिनंदन को रात 9 बजे तक रिहा नहीं किया गया तो भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा।

 

गौरतलब है कि फरवरी 2019 में पाकिस्तानी विमान को काउंटर करते समय भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का मिग-21 विमान क्रैश हो गया था । इस क्रैश के कारण अभिनंदन पीओके की ओर जा गिरे । इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया था। लेकिन क्रैश होने से पहले अभिनंदन ने पाकिस्तानी f16 को मार गिराया था।

हालांकि, अभिनंदन को रिहा करने के लिए भारत ने पाकिस्तान पर जबरदस्त दबाव बनाया। जिसके परिणाम स्वरूप केवल 60 घंटे बाद ही पाकिस्तान ने अभिनंदन को सही सलामत भारत को सौंप दिया था ।

इस घटना के बाद से भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर लगातार अपने हमले शुरू कर दिए हैं । इस मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी को घेरा है। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस के शहजादे को देश पर विश्वास नहीं है, इसलिए वह अपने सबसे भरोसेमंद देश पाकिस्तान से ही सुन लें।’

आखिरकार पाकिस्तान ने पुलवामा की साजिश स्वीकारी

आतंकवाद पर पाकिस्तान का चेहरा समय समय पर पूरी दुनिया के सामने बेनकाब होता आया है । एक बार फिर से यही मौका पूरी दुनिया को देखने को मिला जब आखिरकार पाकिस्तान ने भरी हुई संसद में इस बात पर मुहर लगा दी की की पिछली साल भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के पुलवामा में सीआरपीएफ की बटालियन पर हुए हमले में उसी का हाथ था ।

पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तानी सिनेट में अपने भाषण में यह बात स्वीकार की की पुलवामा में हुए आतंकी हमला इमरान खान की सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी थी ।

अपने भाषण में फवाद चौधरी ने कहा –
”हमने हिंदुस्तान को घुस कर मारा है और पुलवामा में जो हमारी जो कामयाबी है, वह इमरान खान के नेतृत्व में पूरे कौम की कामयाबी है। हमारी कामयाबी है, आपकी कामयाबी है।”

गौरतलब है कि पिछले साल 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे और कई अन्य बुरी तरह घायल हो गये थें ।आतंकवादी ने विस्फोटक से भरे गाड़ी से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मारी थी । भारत ने शुरू से ही इसे पाकिस्तानी साजिश बताया था ।

इस पूरे मामले के सामने आने के और देश दुनिया में बेइज्जती झेलने के बाद मंत्री फवाद चौधरी ने अपने बयान से पलटी मार दी है । फवाद चौधरी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल 26 फरवरी को भारत की ओर से की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से मजबूत रिस्पांस के संबंध में बात कही थी जिसका गलत मतलब निकाला गया ।

तो वहीँ इस पूरे मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने में पाकिस्तान और उसकी भूमिका के बारे में पूरी दुनिया को पता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से ब्लैकलिस्ट होने बचने के लिए पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कार्रवाई का ढोंग कर दुनिया की आंखों में धूल झोंकता रहा है और आतंकवाद के समर्थन से मुकरता रहा है।

वहीँ इस मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत कई अन्य नेताओं ने उन सभी को देश से माफ़ी मांगने के लिए कहा है जिन्होंने पुलवामा घटना को एक साजिश बताया था ।

विडियो – ANI

 

गो हत्या कानून पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

यूपी में गो हत्या निरोधक कानून के लगातार दुरुपयोग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि इस कानून का ‘निर्दोषों’ के खिलाफ दुरुपयोग किया जा रहा है।

यह टिप्पणी जस्टिस सिद्धार्थ की एकल पीठ ने गो हत्या और गो मांस की बिक्री के एक आरोपी की जमानत को मंजूर करते हुए की। कोर्ट ने कानून के दुरुपयोग पर चिंता भी जताई है।

कोर्ट ने शामली जनपद निवासी आरोपी रहमू उर्फ रहमुद्दीन को सशर्त जमानत पर रिहा करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई मांस पकड़ा जाता है, इसे गो मांस के रूप में दिखाया जाता हैष कई बार इसकी जांच भी फॉरेंसिक लैब में नहीं कराई जाती है। इस कानून का गलत इस्तेमाल निर्दोषों के खिलाफ किया जा रहा है।

योगी सरकार में अब तक कुल 15 निलंबित हुए अफसरों की लिस्ट

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हाथरस में गैंगरेप मामले में SP विक्रांत वीर को योगी सरकार ने निलंबित कर दिया है। 2014 बैच के आईपीएस विक्रांत वीर इसी साल जून में हाथरस में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हुए थे। नालंदा बिहार के रहने वाले विक्रांत वीर योगी सरकार में सस्पेंड होने वाले 15 वें आईपीएस हैं। इनसे पहले कानून व्यवस्था न संभाल पाने और तमाम भ्रष्टाचार के आरोपों में 14 आईपीएस अफसर पहले ही सस्पेंड हो चुके हैं।

योगी सरकार में सस्पेंड होने वाले आईपीएस

  1. विक्रांत वीर – हाथरस के एसपी, निर्भया कांड में लापरवाही और शिथिल पर्यवेक्षण का आरोप
  2. जसवीर सिंह – 1992 बैच के इस सीनियर IPS को सरकार ने पिछले साल निलम्बित कर दिया था। सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के कारण इनपर कार्रवाई की गयी थी। निलम्बन के समय जसवीर सिंह ADG के पद पर तैनात थे। निलम्बन अभी तक वापस नहीं हो सका है।
  3. दिनेश चन्द्र दुबे – 2003 बैच के IPS दुबे DIG रैंक के हैं। पशुपालन घोटाले में नाम आने पर निलम्बन। अभी तक तैनाती नहीं मिली है।
  4. अरविंद सेन – 2003 बैच के इस IPS को भी पशुपालन घोटाले में नाम आने पर सरकार ने निलम्बित कर दिया था। DIG रैंक के ये अफसर तैनाती के लिए अभी भी तरस रहे हैं।
  5. वैभव कृष्णा – नोएडा के एसएसपी रहते इन्हें सस्पेंड किया गया था। एक महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो में पकड़े गये थे। 2010 बैच के वैभव को अभी तक तैनाती नहीं मिली है।
  6. अपर्णा गुप्ता – 2015 बैच की इस IPS को सरकार ने तब निलम्बित कर दिया था जब कानपुर के संजीत यादव अपहरण कांड में इनका नाम सामने आया था। सस्पेंशन अभी भी जारी
  7. अभिषेक दीक्षित – 2006 के इस IPS को SSP प्रयागराज रहते निलम्बित किया गया था। कानून व्यवस्था न संभाल पाने के कारण इनपर गाज गिरी थी। अभी तक तैनाती का इंतजार। तमिलनाडू कैडर के अभिषेक प्रतिनियुक्ति पर यूपी आये हैं।
  8. मानिकलाल पाटीदार – 2014 बैच के इस IPS अफसर को सरकार ने एसपी महोबा रहते हाल ही में निलम्बित किया। मामला भ्रष्टाचार का है। जल्द तैनाती मिलनी मुश्किल।
  9. सुभाष चन्द्र दुबे – 2017 में सहारनपुर में हुए बवाल के बाद 2005 बैच के इस IPS को सस्पेंड कर दिया गया था। फिलहाल आजमगढ़ के डीआईजी हैं।
  10. डॉ। सतीश कुमार – बाराबंकी में एसपी रहते हुए इन्हें निलम्बित किया गया था। 2013 बैच के इस IPS अफसर पर रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। फिलहाल SP, SDRF हैं।
  11. एन कोलांची – बुलंदशहर में एसएसपी रहते इन्हें 2019 में निलम्बित किया गया था। कोलांची पर थानाध्यक्षों के तबादले में अनियमितता के आरोप लगे थे। 2008 बैच के ये IPS फिलहाल पीएसी में एसपी हैं।
  12. अतुल शर्मा – प्रयागराज के एसएसपी रहते इन्हें निलम्बित किया गया था। कानून व्यवस्था के मोर्चे पर नाकामी और भ्रष्टाचार के आरोप थे। 2009 बैच के IPS अतुल फिलहाल PAC में SP हैं।
  13. आरएम भारद्वाज – 2018 में संभल में SP रहते इस IPS को तब निलम्बित किया गया जब एक महिला को गैंगरैप के बाद जलाकर मार डाला गया था। 2005 बैच के इस IPS की पुलिस मुख्यालय में डीआईजी के पद पर तैनाती है।
  14. संतोष कुमार सिंह – 2009 बैच के इस IPS को प्रतापगढ़ में SP रहते सस्पेंड किया गया था। कानून व्यवस्था के मोर्चे पर नाकामी के आरोप थे। फिलहाल SP बुलंदशहर हैं।
  15. हिमांशु कुमार – ये पहले IPS हैं जिन्हें योगी सरकार ने निलम्बित किया था। एक ट्वीट के कारण इन्हें मार्च 2017 में सस्पेंड किया गया था। 2010 बैच के IPS हिमांशु इन दिनों PAC में SP हैं।

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जानिए क्या है किसान संशोधन बिल और क्यों हो रहा है इसका विरोध ?

देश की संसद ने हाल ही में किसान से जुड़े 3 बिलों कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक2020 , कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक2020 को मंजूरी दी है ।

  • बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दिया ।
  • अब किसान बुआई से पहले ही अपनी फ़सलों को व्यापारियों को बेच सकते हैं ।

इस बिल को लेकर देश के कई राज्यों में किसान आंदोलन पर उतर आएं हैं और इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहें हैं । सरकार को किसानों के साथ ही संसद में भी विपक्ष द्वारा भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है । राज्यसभा में सांसदों का विरोध बड़े स्तर पर आ गया , उपसभापति हरिवंश सिंह ने संजय सिंह और डेरेक ओ ब्रायन समेत 8 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया । इस बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है ।

विपक्ष इस बिल को किसानों के साथ अन्याय करने वाला बता रहा है । वहीं सरकार ने इस बिल को किसानों को सशक्त बनाने वाला कदम बताया है । सरकार ने विपक्ष पर झूठ फैलाने और किसानों को भ्रमित करना का आरोप लगाया है । सरकार ने साफ़ किया है कि इस बिल में एमएसपी के मामले में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है ।

क्या है बिल के प्रावधान – इन बिलों के अनुसार अब किसान अपनी फ़सलों को देश में कहीं भी जा कर बेच सकेंगे । इससे पहले किसानो को अपना अनाज मंडियों में ही बेचना पड़ता था , इसमें बिचौलिये उनका हक़ मार जाते थे । देश में लगभग 80 %  छोटे किसान हैं जिन्हें अपना अनाज बेचने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था । लेकिन अब इस बिल के पास होने के बाद इनकी पहुंच सीधे व्यापारियों तक होगी । बिल में कांट्रेक्ट कृषि को बढ़ावा देने की बात की गई है । अब किसान बुआई से पहले ही अपनी फ़सलों को व्यापारियों को बेच सकते हैं जिससे उनका जोख़िम भी कम होगा । इसके अलावा कई अनाजों को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर कर दिया गया है जिससे किसान अब अनाज को स्टोर कर के रख सकते हैं ।

विरोध के कारण – विरोध कर रहें लोगों का कहना है कि मण्डीयों के बाहर में खरीद पर किसी तरह का शुल्क ना लगने से देश की मण्डी व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी । भविष्य में सरकार किसानों से फ़सल ख़रीदी भी बंद कर देगी और किसानों को व्यापारियों के भरोसे छोड़ देगी । इसके अलावा उन्होनें कहा कि सरकार भविष्य में एमएसपी को भी ख़त्म करने की योजना बना रही है । आंदोलन कर रहें किसानों का कहना है कि सरकार का यह बिल किसानों को बंधुआ मजदूरी की ओर ले जाएगा और वो इसका विरोध करते रहेंगे ।

 

 

सीएम योगी ने किया नोएडा में फिल्म सिटी के निर्माण का ऐलान

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यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई फिल्मी हस्तीयों की मौजूदगी में नोएडा में फ़िल्म सिटी के निर्माण का ऐलान किया है।

उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर सें यमुना एक्सप्रेस वे के पास 1000 एकड़ के क्षेत्र में दुनिया का सबसे आधुनिक व ख़ूबसूरत फिल्म सिटी का निर्माण होगा। इस फ़िल्म सिटी के बनने से प्रदेश में रोज़गार, और पर्यटन आदि को भी बढ़ावा मिलेगा।

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में अधूरा कुछ भी नहीं है , फि़ल्म सिटी में दुनिया की सभी सुविधाएं होंगी । यह निर्माण 50 साल की ज़रूरतों को ध्यान में रख़ते हुए होगा और इसमें टैक्स छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है।

इस फ़िल्म सिटी में संग्रहालय, विश्वविद्यालय, फन सेंटर , होटल और हेलीपैड आदि का भी निर्माण होगा। इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर फ़िल्म जगत से अनुपम ख़ेर , परेश रावल, उदित नारायण , अनूप जलोटा और कैलाश ख़ेर सहित कई हस्ती शामिल हुएं।

आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 52 ग्राम पंचायतों में नहीं होगा चुनाव

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उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 52 ग्राम पंचायतों पर चुनाव होना था, जो अब नहीं होगा।

ये गांव नवसृजित नगर पंचायत और सीमा विस्तार में नगरीय दर्जा पा चुके हैं। शासन ने 5 नए नगर पंचायत और दो निकाय का सीमा विस्तार किया है। सर्वाधिक 13 ग्राम पंचायत नवसृजित नगर पंचायत भारत भारी में शामिल हुए हैं। सबसे कम कपिलवस्तु के हिस्से में दो गांव आए हैं।

सहायक चुनाव अधिकारी हरिचरण लाल के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चुनाव आयोग से निर्देश मिलने लगे हैं। पांच नगर पंचायतों और दो सीमा का विस्तार होने के बाद कई ग्राम पंचायतों का इसमें विलय हो गया है, जिससे संख्या में बदलाव संभव है।