कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत में पैर पसारने लगा है। इसी को देखते हुए भदोही स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। जिले में अब तक विदेश से 159 लोग आए हुए हैं, जिनमें से 109 लोगों से स्वास्थ्य विभाग ने संपर्क कर अपनी निगरानी में रखा हुआ है। bhadohi news in hindi
59 लोगों का स्वैब जांच के लिए भेजा गया- Bhadohi Breaking
बता दें, भदोही स्वास्थ्य विभाग ने 109 लोगों में से 59 लोगों का स्वैब जांच के लिए वाराणसी भेजा गया है। इनमें से सभी लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है। बाकी जिन्हें ट्रैस नहीं किया जा सका है, उनके लिए टीम लगायी गई है। bhadohi news in hindi
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष चक ने बताया है कि 59 लोगों के स्वैब को जांच के लिए वाराणसी भेजा गया था। इसमें सभी की रिपोट निगेटिव आई है। बाकी लोगों से संपर्क कर जांच के लिए सैंपलिंग की जा रही है। Bhadohi Breaking
उन्होंने बताया कि जो लोग भी विदेश से होकर आ रहे हैं, उन्हें होम क्वारंटीन किया जा रहा है। आठ दिन बीतने के बाद ही उनका स्वैब लिया जाता है। सभी को जागरूक किया जा रहा है, ताकि संक्रमण से बचा जा सके। bhadohi news in hindi
सर्दियों के में केले का सेवन शरीर को काफी फायदा पहुंचाता है। कई लोगों की ये धारणा होती है कि सर्दियों में केला खाने से बीमार पड़ सकते हैं इस वजह से वे केले का सेवन नहीं करते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है, सर्दियों में केले के सेवन से कई महत्वपूर्ण फायदे भी होते हैं। तो चलिए जानते हैं सर्दियों में केला खाने (benefits of banana in winter) के कुछ बेहतरीन फायद…
केला खाने के फायदे -Kela khane ke fayde
1. विटामिन B6 – केला विटामिन बी6 का एक बड़ा स्त्रोत है। केले से मिलने वाला विटामिन बी6 हमारे शरीर में काफी आसानी से एब्सॉर्ब हो जाता है. अगर हम दिन में एक मीडियम साइज का केला खा लेते हैं तो यह दिन में विटामिन बी6 की 25 प्रतिशत जरूरत को पूरा कर देता है। benefits of banana in winter
2. विटामिन C – आमतौर पर संतरे और खट्टी चीजों को विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत माना जाता है, लेकिन केला भी विटामिन सी की जरूरत को पूरा कर सकता है। एक मीडियम साइज का केला हमारी दिन की विटामिन सी की जरूरत का 10 प्रतिशत पूरा करता है। benefits of banana in winter
3. मैग्नीज – केले में मौजूद मैग्नीज हमारे शरीर और स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। मैग्नीज हमारी बॉडी में कोलेजन को बनाने और हमारी त्वचा और दूसरे सेल्स को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाने का काम करता है। Kela khane ke fayde
4 पोटेशियम – केले में मौजूद पोटेशियम दिले को बेहतर करने के साथ ही ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मदद करता है। kela ko kb khana chahiye
5. एनर्जी लेवल – केले में तीन नेचुरल शुगर सूक्रोस, फ्रुक्टोस और ग्लूकोस मौजूद होते हैं जो कि शरीर को फैट फ्री, कोलेस्ट्रॉल फ्री एनर्जी देते हैं। केला पाचन प्रक्रिया को बेहतर करने में भी काफी मदद करता है। Kela khane ke fayde
ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच यूपी के लोगों ( Omicron in UP ) के लिए एक राहत की खबर है। दरअसल, यूपी में भी जायडस कैडिला कंपनी (Zydus Cadila Company) का कोविड टीका जल्द उपलब्ध होने जा रहा है। इसकी आपूर्ति के लिए ऑर्डर भी दिया जा चुका है। सबसे खास बात कि इस वैक्सीन को भी पूरी तरह से मुफ्त लगाया जाएगा।
अभी कुल 11 लाख लोगों को लगेगा टीका ( vaccination in up )
अभी 11 लाख लोगों के लिए जायडस कैडिला कंपनी की 33 लाख डोज उपलब्ध होने जा रही हैं। इस टीका को तीन डोज में लगाया जाएग, जो 28 दिन के अंतराल पर लगवाना होगा। यानि पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी। तीसरी डोज फिर 28 दिन बाद लगवानी होगी। यह टीका 18 वर्ष से अधिक की उम्र वालों के लिए ही उपलब्ध होगा।
यूपी में अभी चार तरह के टीके ( Four corona vaccine in up )
अभी यूपी में चार तरह की कोरोना वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। इसमें कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक शामिल है। सरकारी अस्पतालों में कोवैक्सीन और कोविशील्ड की भांति जायडस वैक्सीन भी मुफ्त लगाई जाएगी।
इन 14 जिलों में मिलेगी सुविधा
प्राथमिक चरण में 14 जिलों में जायडस कैडिला कंपनी का टीका उपलब्ध होगा। इसमें लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर नगर, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और वाराणसी शामिल हैं। ( up breaking news in hindi )
वैक्सीन लगाते समय नहीं होगा दर्द
वैक्सीन सिरिंज की बजाय नीडल फ्री एप्लीकेटर के जरिए दी जाएगी। एप्लीकेटर का नाम फार्माजेट है। इससे वैक्सीन लगने में दर्द नहीं होता। मरीज को सुई भी नहीं चुभेगी। इसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। up breaking news in hindi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi in varanasi) सोमवार को एक भव्य समारोह में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना का उद्घाटन करेंगे। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रतिष्ठित मंदिर के पास सड़कों पर नक्काशीदार लैम्प पोस्ट पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें ‘इस परियोजना के दृष्टिकोण को साकार करने’ के लिए मोदी की तारीफ की गई है। ( kashi vishwnath )
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी पर एक बार फिर से जुबानी हमला किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर पार्टी को बचाना है तो गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुनें।
ट्वीट और कैंडल मार्च के जरिए भाजपा को हरा नहीं सकते
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा है कि एक ट्वीट और कैंडल मार्च के जरिए आप भाजपा को कभी नहीं हरा सकते हैं। भाजपा काफी मजबूत हो चुकी है। मोदी के नेतृत्व वाली भाजपो को हराने के लिए आपको मजबूत रणनीति बनानी होगी। बीते दस साल में कांग्रेस को 90 फीसदी चुनावों में करारी हार मिली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
पीएम मोदी को लेकर बड़ी बात
प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि वह सभी लोगों की सुनते हैं। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्हें पता है कि आखिर लोगों की जरूरत क्या है।अगले कुछ दशकों तक भाजपा के इर्द-गिर्द ही देश की राजनीति घूमेगी।
इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने किया था कांग्रेस पर हमला
प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘कांग्रेस मजबूत विपक्ष के लिए जिस विचार और विस्तार का प्रतिनिधित्व करती है, वह महत्वपूर्ण है, लेकिन विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं है, जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90 फीसदी चुनाव हारती हो। लोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी नेतृत्व को तय करने दें।
यूपी की सियासत में पूर्वांचल का रोल सबसे अहम माना जाता है। ( up election 2022 ) कहा जाता है कि यूपी की सत्ता की चाबी भी पूर्वांचल के पास ही रहता है। यानी जो पूर्वांचल जीत लिया, वो सीएम की कुर्सी जीत लिया। आज हम उसी पूर्वांचल की कहानी बताने जा रहे हैं, जब यहां की राजनीति में बाहुबलियों की एंट्री हुई थी। History Of UP Assembly Election
साल 1980 से हुई शुरुआत- History Of UP Assembly Election
साल 1980, यही वो दौर था जब पूर्वांचल बाहुबलियों की गिरफ्त में आ चुका था। इसके सूत्रधार थे वीरेंद्र प्रताप शाही और पंडित हरिशंकर तिवारी। 1980 का दशक ऐसा था जब शाही और तिवारी के बीच गैंगवार की गूंज अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुनाई देती थी। ब्राह्मण बनाम ठाकुर के समीकरण पर दोनों का साम्राज्य कायम था। रेलवे के ठेके दोनों के लिए अहम थे। History Of UP Assembly Election
साल 1980 में हुए उपचुनाव में महराजगंज के लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से वीरेंद्र प्रताप शाही निर्दल लड़े और जीते। 1985 में भी चुनाव जीतकर शाही ने राजनीति में अपनी मजबूत दखल दिखाई। उधर हाता वाले बाबा यानी हरिशंकर तिवारी (harishankar tiwari history) भी 1985 में जेल में रहते हुए चिल्लूपार विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। VIRENDRA SHAHI history
तिवारी 1997 से लेकर 2007 तक लगातार यूपी में मंत्री रहे। इन दोनों की राजनीति में प्रवेश सफल रहने के बाद तो पूर्वांचल की सियासत में आपराधिक छवि वालों का दखल तेजी से बढ़ने लगा।
वीरेंद्र प्रताप शाही
1997 में श्री प्रकाश शुक्ला ने की वीरेंद्र प्रताप शाही की हत्या-
उसी दौर में एक और कुख्यात माफिया श्री प्रकाश शुक्ला का उदय हो चुका था। वही श्री प्रकाश, जिसनें 1997 में ठाकुर गुट के नेता वीरेंद्र शाही को लखनऊ शहर में गोलियों से भून दिया था। कहा जाता है कि श्री प्रकाश भी चिल्लूपार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। इसके लिए उसने हरिशंकर तिवारी को भी मारने की प्लानिंग कर ली थी। लेकिन, पहली बार शुक्ला के लिए ही बनाई गई STF ने उसे मार गिराया।
पूर्वांचल की 160 सीट, सभी पर बाहुबली नेताओं का वर्चस्व
1980 के बाद से आज 2021 तक, आलम ये हो चुका है कि पूर्वांचल में विधानसभा की लगभग 160 सीटें हैं, जिनमें लगभग सभी सीटों पर किसी न किसी बाहुबली नेता का प्रभाव माना जाता है। कथिततौर पर यहां तक कहा जाता है कि एक माफिया डॉन अपने इलाके की 10 से 12 सीटों पर वोट को इधर से उधर करने में गजब की महारथ रखता है।
—यूपी की चुनावी कथा के अगले सीरीज में हम पढ़ेगे- क्या पूर्वांचल में बिना बाहुबल के राजनीति असंभव है?
अगले साल यूपी विधानसभा चुनाव होने हैं। ( UP Election news in hindi ) उससे पहले सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति का इतिहास है कि यहां एक ही सरकार लगातार दो बार सत्ता की चाबी नहीं पाई है। इसी इतिहास को बदलने के लिए योगी सरकार पूरे जोरो-शोरो से जुट गई है।
भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की मानें तो इस बार भी बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बन रही है, लेकिन हाल ही में आए एक ओपिनियन पोल ने सभी की नींद उड़ा दी है। दरअसल, एक ऑनलाइन न्यूज चैनल DB LIVE के ओपिनियन पोल में सपा सरकार बनाते दिख रही है। UP Election news in hindi
DB LIVE के ओपिनियन पोल के मुताबिक समाजवादी पार्टी 2022 में सरकार बनती दिख रही है। वहीं, भाजपा दूसरे नंबर पर रहेगी। इतना ही नहीं इस पोल के अनुसार कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है। कांग्रेस को 24-32 सीटें मिलने के आसार हैं। UP Election news in hindi
वीडियो में देखें–
DB LIVE पोल के मुताबिक एक नजर में देखें किसे कितने सीटें मिलेंगी
सपा + 195-203
भाजपा + 147-155
बसपा – 12-20
कांग्रेस- 24-32
अन्य- 5-13
बता दें, चैनल के मुताबिक ये पोल कृषि कानून वापस लेने के एलान के बाद का है। इस ओपिनियन पोल के वक्त पैनल पर कई वरिष्ठ पत्रकार भी बैठे हैं, जिनका मानना है कि भाजपा को काफी नुकसान होने वाला है।
क्या है APB NEWS- C VOTERS का पोल- UP Election news in hindi
DB LIVE और ABP NEWS- C VOTERS के सर्वे में काफी अंतर है। सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत बीजेपी और उसके पार्टियों को मिलता नजर आ रहा है। इस सर्वे में बीजेपी+ को 40 प्रतिशत तक वोट मिलता दिखाई दे रहा है, जबकि समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों को 32 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। सर्वे से पता चला है कि इस बार बीजेपी+ को सपा+ से करीब आठ फीसदी वोट ज्यादा मिलते दिख रहे हैं। up election latest news
ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी के इस्तीफा देने के साथ ही भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को कंपनी का नया CEO बनाया गया है। पराग इससे पहले ट्विटर में सीटीओ पद पर थे। कंपनी के बोर्ड ने उन्हें एकमत से सीईओ पद के लिए चुना है।
आइए जानते हैं पराग अग्रवाल के पारे में 10 महत्वपूर्ण बातें….
1-पराग अग्रवाल ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस और इंजनीयरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है.
2-आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई के बाद उन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की है.
3-पराग इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और याहू रिसर्च में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.
4-ट्विटर के साथ उनका जुड़ाव साल 2011 में हुआ. कहा जाता है कि ट्विटर को पॉपुलर बनाने में पराग का बड़ा योगदान रहा है. खुद जैक डोर्सी ने अपने इस्तीफे में कठिन निर्णयों में पराग की भूमिका का जिक्र किया है.
5- रेवेन्यू और कस्टमर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कंपनी को टॉप पर पहुंचाने की वजह से पराग एक बाद एक टॉप पद पर पहुंचे.
6- पराग के काम कारण के साल 2016 और 2017 में कंपनी को जबरदस्त ऑडियंस ग्रोथ मिली.
7- साल 2018 में ट्विटर ने पराग को कंपनी का सीटीओ नियुक्त किया था.
8- सीटीओ के तौर पर पराग के पास कंपनी की तकनीकी रणनीति, अडवांस मशीन लर्निंग की जिम्मेदारी थी.
9- साल 2019 में जैक डोर्सी ने पराग को प्रोजेक्ट ब्लूस्की का हेड बनाया था. ब्लूस्की प्रोजेक्ट को ट्विटर पर भ्रामक खबरों के खिलाफ बनाया गया था.
10- 29 नवंबर 2021 को जैक डोर्सी के इस्तीफा देने के साथ ही अब पराग नए सीईओ बन चुके हैं.
UP शिक्षक पात्रता परीक्षा UP TET 26 दिसंबर को होगी। एक दिन पहले पेपर लीक होने के कारण परीक्षा कैंसिल कर दी गई थी। शिक्षा मंत्री डॉ. सतीष द्विवेदी ने कहा है कि छात्रों को दोबारा परीक्षा फॉर्म नहीं भरना होगा। उनके परीक्षा केंद्र भी वही रहेंगे। सिर्फ परीक्षा की तारीख घोषित होगी।
इस मामले में अब तक 23 लोग गिरफ्तार
UP TET पेपर लीक मामले में मेरठ-प्रयागराज से 23 लोग गिरफ्तार। पश्चिमी यूपी के कई जिलों में STF की छापेमारी। पेपर कराने वाली कंपनी ब्लेक लिस्टेड होगी। कंपनी के कई लोग शक के घेरे में आए।यूपी के 21 लाख परीक्षार्थियों को झटका।
दो पारियों में होना था एग्जाम
बता दें, ये एग्जाम दो पारियों में होना था। पहली पारी सुबह 10 बजे से साढ़े बारह बजे तक थी। वहीं दूसरी पारी दोपहर ढाई से शाम पांच बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा होनी थी। इस बार यूपी टीईटी के लिए 21,62,287 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
यूपी चुनाव से पहले नेताओं का एक पार्टी से दूसरे पार्टी में जानें का सिलसिला जारी है। इस कड़ी में बहुजन समाजवादी पार्टी की हालत सबसे ज्यादा खराब है। बीते 25 नवंबर को पार्टी के एक और दिग्गज नेताओं में शुमार बसपा विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने मायावती को पत्र लिखकर पार्टी को अलविदा कह दिया है।
पार्टी छोड़ने का सिलसिला काफी लंबा
बसपा का दामन छोड़ दूसरे पार्टी का हाथ थामने का यह सिलसिला पिछले छह महीने से जारी है। दरअसल, 2017 में विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर 19 विधायक जीत कर आए थे, जिसके बाद विधायकों ने धीरे-धीरे पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया। आलम ये रहा कि पिछले 6 महीनों में बसपा से 15 विधायकों ने मुंह मोड़ दूसरे पार्टी में शामिल हो गए। अब पार्टी के साथ केवल 4 विधायक ही बचे हैं।
अपना दल से छोटी पार्टी बनी बसपा
प्रदेश में बसपा की हालत ये हो गई है कि पार्टी अब कांग्रेस और अपना दल भी छोटी बन गई है। फिलहाल, यूपी कांग्रेस के 7 विधायकों में एक बागी है और एक ने पार्टी छोड़ दी है। अब 6 विधायक बचे हैं। अपना दल के पास 9 विधायक हैं। सुभासपा के चार विधायक हैं। वहीं, अब बसपा के पास भी 4 ही विधायक बचे हैं। श्याम सुंदर शर्मा, उमाशंकर सिंह, विनय शंकर तिवारी और आजाद अरिमर्दन।
मायावती का गिरता सियासी ग्राफ
मायावती यूपी की सत्ता में चार बार विराजमान हुई, लेकिन 2012 के बाद से पार्टी का ग्राफ नीचे गिरना शुरू हुआ तो अभी तक थमा नहीं।
4 बार सत्ता में रही बसपा
3 जून 1995 से 18 अक्टूबर 1995
21 मार्च 1997 से 20 सितंबर 1997
3 मई 2002 से 26 अगस्त 2003
13 मई 2007 से 6 मार्च 2012
बसपा ने बदले चार प्रदेश अध्यक्ष
वर्तमान में भीम राजभर चौथे बसपा के अध्यक्ष हैं। इससे पहले मुनकाद अली, आरएस कुशवाहा और राम अचल राजभर पार्टी अध्यक्ष थे, जिनमें मुनकाद अली को छोड़कर राजभर और कुशवाहा दोनों ही बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं।