महागठबंधन टूटते ही तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ी, हुआ एक और केस दर्ज !

बिहार:-  महागठबंधन टूटते ही लालू और तेजस्वी यादव की मुश्किलें और बढ़ती चली जा रही है। दरअसल नीतीश कुमार को अभी भाजपा के साथ गठबंधन किये 24 घण्टा भी नही हुआ और तब तक इधर तेजस्वी  यादव पर एक और बड़ा संकट मंडराने लग गया।

दरअसल रेलवे होटल अलॉटमेंट में भ्रष्‍टाचार को लेकर ईडी ने लालू, बेटे व बिहार के पूर्व डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव के खिलाफ केस दर्ज किया है। लालू के परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।

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क्या था मामला:- 

गौरतलब है की  यह मामला साल 2006 में रेलवे के होटल आवंटन में गड़बड़ी से जुड़ा है। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई ने इस मामले में पहले से ही लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उप मुख्यमंत्री और उनके बेटे तेजस्वी यादव, आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पी के गोयल, यादव के विश्वासपात्र प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सुजाता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर रखा है।

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प्रेस कांफ्रेंस में लालू का बयान:-

बता दें महागठबंधन टूटते ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नियम के तहत राज्यपाल को सबसे बड़े दल को सरकार के लिए आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि तेजस्वी एक बहाना था, भाजपा की गोद में जाना था।

लालू ने कहा, “नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं लेकिन मैं बता दूं कि यह(नीतीश) 302 के मुद्दाले हैं। मैं नीतीश कुमार के बहुत सारे व्यक्तिगत विवाद जानता हूं लेकिन कहना अच्छा नहीं लगता।”

वहीँ  उपमुख्यमंत्री का पद अब लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव से छिनकर बीजेपी के सुशील मोदी को मिल चुका है। नीतीश इस्तीफा देने के महज 24 घंटे से भी कम समय में बीजेपी से समर्थन पाकर वापिस सीएम बन गए हैं।

साभार- जनसत्ता

​जैसी समस्या-वैसा फेसपैक, जानें कब लगायें कौन सा फेसपैक

फेसपैक :- चेहरे की खूबसूरती हर किसी की चाह होती है. यही खूबसूरती और चमक बरक़रार रखने के लिए हम अक्सर फेसपैक का इस्तेमाल करते हैं. फेसपैक हमारी त्वचा से सारे कीटाणु और गंदगी को बाहर निकालने में मददगार होता है. पर क्या आपको पता है कि आपके फेसपैक को आपकी त्वचा और उसकी समस्या के अनुरूप होना चाहिए. जानिए कुछ ऐसे ही फेसपैक और उसके फायदे के विषय में-

 

टोमैटो फेसपैक –  

यह फेसपैक ओपन पोर्स की समस्या में मददगार है.अक्सर, ओपन पोर्स की समस्या ऑयली स्किन में देखने के लिए मिलती है क्योंकि ऐसी त्वचा में ऑयल ग्लैंड्स काफी एक्टिव होते हैं जिस कारण स्किन के पोर्स खुल जाते हैं. टोमैटो फेसपैक बनाने के लिए सबसे पहले टोमैटो पल्प को निकालें.

अब इस पल्प में 1 चम्मच चन्दन पाउडर और 1 चम्मच कैलामाइन पाउडर मिलाएं और चेहरे पर लगाकर 1 घंटे तक छोड़ें. इस फेसपैक में मौजूद टमाटर स्किन के खुले पोर्स को बंद करने में मदद करता है.

नीम 

अगर त्वचा में एक्ने और पिम्पल्स की समस्या है तो नीम फेसपैक यूज़ करें. एक्ने और पिम्पल्स की समस्या के कई कारण होते हैं जैसे ऑयली स्किन, बालों में डैंड्रफ, हार्मोनल इम्बैलेंस आदि. इन समस्याओं में सबसे ज्यादा फायदेमंद नीम है.

ऐसे तो नीम फेसपैक बाजार में आसानी से उपलब्ध है पर आप इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं. इसके  लिये नीम के पत्तों को सुखाकर पीस लें और फिर  गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाएं व चेहरे पर लगायें.

बेसन 

कई बार पिम्पल्स और एक्ने के कारण चेहरे पर भद्दे निशान रह जाते हैं. बहुत बार ये निशान छोटे छोटे गड्ढों में तब्दील होते हैं. ऐसी त्वचा के लिए बेसन फेसपैक का इस्तेमाल करें.

इसे बनाने के लिए एक चम्मच बेसन, एक चुटकी हल्दी पाउडर, नींबू की कुछ बूंदें और गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनायें व चहरे पर लगायें. इस पैक को करीब 20 मिनट या सूखने तक रखें और बाद में ठन्डे पानी से धो लें.

मुल्तानी मिट्टी 
यह फेसपैक पिग्मेंटेशन या झाइयों में काफी लाभदायक होती है. पिग्मेंटेशन का मुख्य कारण सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें होती हैं.

घर पर इस फेसपैक को बनाने के लिए एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी, चुटकी भर पिसा कपूर, एक छोटी चुटकी रसौन्ध, थोड़ा शहद मिलाकर पेस्ट बनायें और चेहरे पर लगायें. सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

 

इस्तीफ़ा देने की असली वजह आया सामने, पढ़कर आप भी दंग रह जायेंगे!

पटना:- ​लगभग कई महीनों से चल रहे अंदरूनी मनमुटाव के बाद आखिरकार बुधवार की शाम में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफ़ा सौंपा।

इस्तीफ़े को लेकर कई तरह के अटकलें और बयानबाजी भी आयी, जहाँ एक तरफ लालू यादव ने नीतीश पर मर्डर का आरोप लगाते हुए बयान दे रहे हैं। तो वहां भाजपा के नेता नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए पार्टी में आने का न्योता भी दे रहें हैं।

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लेकिन इस्तीफे की असली वजह क्या है आइये हम आपको बताते हैं…

  • ये शुरुआत तब से शुरू हो गयी थी जब पहली बार नोटबंदी के समर्थन में नीतीश कुमार आये थे।
  • इस तकरार के बीच मामला औऱ बिगड़ी जब नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के लिए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन किया.  तब इशारों में उनके उपर लालू यादव ने भी हमला किया और महागठबंधन तल्खियां बढ़ीं.
  • इन सबके बावजूद भी नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मिलकर लालू यादव औऱ तेजस्वी यादव के अड़ियल रूख से परेशान इस बात पर चर्चा की लेकिन इससे कोई फायदा नही हुआ।
  • नीतीश कुमार की अपनी बेदाग छवि रही है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद लगातार उनकी छवि को लेकर सवाल उठने लगे थे कि वो अपने कैबिनेट में ऐसे डिप्टी सीएम को रखे हैं जिसपर घोटाले का आरोप लगा है.
  • ऐसे में नीतीश कुमार को चुनाव अपनी छवि औऱ महागठबंधन सरकार की अगुवाई के बीच करना था.
  • ऐसे में इतना कुछ हो जाने के बाद उनके लिए ये सरकार चला पाना मुश्किल था, क्योंकि उनका अपना ही मुख़्यमंत्री ही उनके अनुशासन की धज्जियां उड़ा रहा था।
  • यही वजह है नीतीश कुमार ने समय को देखते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देते हुए गठबंधन तोड़ दिया।

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सीएजी की रिपोर्ट ने खोली सरकार की पोल, किये कई चौकाने वाले खुलासे !

संसद :- देश भर में  हर साल भीषण बारिश की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसे सरकार प्राकृतिक आपदा बताकर बात को टाल  देती है . लेकिन वहीँ शुक्रवार को संसद में सीएजी की  रिपोर्ट ने सबको चौका दिया.

सीएजी की रिपोर्ट ने सरकार की पोल खोलकर रख दी है.  रिपोर्ट के अनुसार देश में निर्मित 4,862 बांधों में से सिर्फ 349 बांधो के लिए ही आपात आपदा कार्य योजना तैयार है. यानी  देश के 93 प्रतिशत बाँध बाढ़ जैसी आपदा को रोकने में अक्षम है. तभी तो पूरा देश जिस बाढ़ से जूझ रहा है उसे हमे  प्राकृतिक नहीं सरकारी आपदा बोलना चाहिए.

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक( सीएजी ) ने शुक्रवार को जल संसाधन मंत्राल य को अपना रिपोर्ट सौंपा. रिपोर्ट में देश के बांधों की स्थिति साफ़ पता चलती है.

 रिपार्ट के अनुसार…

  • देश के 4,862 बड़े बांधों में से सिर्फ 349 बड़े बांधों के लिए ही आपदा प्रबंधन कार्य योजना तैयार है. देश के सिर्फ 7 प्रतिशत बाँध ही बाढ़ जैसी आपदा को रोकने में सक्षम हैं. वहीँ, मार्च 2016 तक मात्र एक ही बांध पर मॉक ड्रिल की गयी है.
  • 17 राज्यों में से सिर्फ तीन राज्यों ने ही मानसून आने से पहले और मानसून आने के बाद बांधों की जांच पड़ताल करवायी है.
  • सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश के अलग अलग राज्यों में बनी बाढ़ नियंत्रक योजना प्रभावशाली नहीं है.
  • देश के 375 में से 222 स्टेशनों का परिचालन सही नहीं है. इस कारण देश के लोगों को सही समय पर बाढ़ के खतरों से आगाह नहीं किया जाता और हर साल कई जानें बाढ़ के कारण जाती है.


सीएजी ने 17 राज्यों के बाढ़ नियंत्रक योजना कि जांच की. जांच में पता चला कि अधिकतर राज्यों के पास प्रभावी बाढ़ नियंत्रक योजना तैयार ही नहीं है.

 

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  • देश के कई राज्यों में बाढ़ प्रबंधन परियोजना को बनाने या प्रभाव में लाने में चार से तेरह सालों तक की देरी हुई है. इन राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड,असम, जम्मु कश्मीर आदि शीर्ष पर हैं.
  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा बाढ़ प्रबंधन परियोजना के लिए दी गयी राशि का सही उपयोग नहीं किया है.


सीएजी की रिपोर्ट में बाढ़ का एक मुख्य कारण देश में प्रभावशाली बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशन की कमी को भी बताया गया है. देश में 375 बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशन है जिसमें से सिर्फ 153 स्टेशन सही से काम करते हैं.

 

  • सीएजी की रिपोर्ट में भारत को बाढ़ के खतरे वाला देश बताया गया है. जहाँ हर वर्ष औसतन 75.5 लाख हेक्टेयर इलाका बाढ़ की चपेट में आता है और करीब 1,560 जानें जाती हैं.
  • बाढ़ के कारण फसलों के बर्बाद होने, घरों के तबाह होने से लेकर जन सुविधाओं के नष्ट तक हर साल करीब 1,805 करोड़ रूपए बर्बाद होती है.

इस प्यार को क्या नाम दूं के अविनाश ने की अपने भाभी के साथ शादी, अब बात पहुंची तलाक तक

 

इस प्यार को क्या नाम दूं  सीजन 2 फेम अविनाश सचदेव ने अपनी रील लाइफ की भाभी शाल्मली देसाई से करीब दो साल पहले शादी की थी. उनके बीच अनबन की बातें तो कुछ समय पहले से ही आ रही, पर अब यह अनबन तलाक तक पहुँच गयी है.

जानिए क्या है पूरा मामला-

दरअसल, इस प्यार को क्या नाम दूं सीजन 2 फेम अविनाश और शाल्मली के बीच अनबन की बातें कुछ दिनों पहले से ही आ रहीं थी. अब यह अनबन तलाक तक पहुँच गयी है. कहा जा रहा है दोनों कभी भी तलाक ले सकते हैं.

 

शुरुआत में ऐसी भी खबरें आ रही थी कि शाल्मली अविनाश के दिलफेंक स्वभाव से काफी परेशान थी. फिर बाद में खबर आयी कि अविनाश घर में अपनी पत्नी के साथ हिंसा करते हैं जिससे तंग आकर शाल्मली ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी.

 

हालांकि, अब अविनाश और शाल्मली दोनों ही इस बात से इनकार कर रहे हैं. इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अविनाश ने इंडियन विकी मीडिया से कहा –

 

पिछले कुछ दिनों से टीआरपी के लिए बहुत कुछ लिखा और बोला जा रहा है. यह सब झूठ है. अविनाश ने माना कि उनकी शादी में थोड़ी समस्या आ रही है और हर शादी में थोड़ी बहुत समस्या आती है. हमारी प्रॉब्लम इतनी भी बड़ी नहीं है कि हम अपना रिश्ता ही तोड़ दें. हम आज भी बेस्ट फ्रेंड्स है.

 

उधर शाल्मली ने भी तलाक की ख़बरों पर हैरानी जताते हुए कहा –

 

मैं यह सब सुनकर हैरान हूँ. यह सब बकवास है. हमारे बीच प्रॉबलम्स हैं और हम उसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. अवि ने मेरे ऊपर आज तक एक ऊंगली नहीं उठायी, हाथ उठाने की बात तो बहुत दूर की है. इस मामले को सुलझाने में हमारे  पेरेंट्स भी शामिल है.

 

आपको बता दें कि अविनाश और शाल्मली इस प्यार को क्या नाम दूं सीजन 2 की शूटिंग के दौरान मिले थे. सीरियल में शाल्मली अविनाश की भाभी बनी थी. इसी दौरान दोनों में प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली.

मानसून स्पेशल: हाई लो ड्रेसेस का फिर चला क्रेज़, जानें क्या है नया मार्केट में

LifeStyle News :-  एक समय था जब सिर्फ कुर्ती और ट्यूनिक्स में हाई लो कट आ रहे थे पर इस मानसून हाई लो ड्रेसेस ने अपनी एक अलग जगह बना ली है. अलग-अलग ड्रेसेस के वैरायटी में हाई लो कट देखने के लिए मिल रहे हैं. टॉप्स, शर्ट, स्कर्ट्स,वन पीस, गाउन और लहँगे को भी हाई लो लुक दिया जा रहा है.

मानसून में एक तरफ जहाँ दुसरे ड्रेसेस में ब्राइट और पेस्टल कलर का चलन है तो वहीँ हाई लो ड्रेसेस को सोबर और हलके रंगों में पसंद किया जा रहा है.

हाई लो शर्ट

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ये पैटर्न अभी काफी ट्रेंड में है. ये आपको वेस्टर्न लुक देता है. जीन्स, जेगिंग्स, और पैन्ट्स के साथ पेयर करें. मानसून में शिफॉन की हाई लो शर्ट ट्रेंड में है. इस पूरी ड्रेस को ब्राइट-लाइट कॉम्बिनेशन में पहने. यानी ब्राइट शर्ट के साथ लाइट कलर के पैंट्स पहनें और लाइट शर्ट के साथ ब्राइट जीन्स पेयर करें.

हाई लो ट्यूनिक्स

Monsoon Special Dress

इस पैटर्न में पहले  सिर्फ एक या दो ही पैटर्न देखने के लिए मिलते थे. अब ट्यूनिक्स में कई तरह के कट के साथ इसे हाई लो लुक दिया जा रहा है. ट्यूनिक्स के साथ पेंसिल पैंट्स , लेग्गिंग्स, और सिगरेट पैंट्स को पेयर करें. हाई लो ट्यूनिक्स को ब्राइट कलर में ज्यादा पसंद किया जा रहा है.

हाई लो स्कर्ट

Monsoon Special Dress

स्कर्ट्स हमेशा से ही लड़कियों का पहला पसंद रहा है. इस सीजन स्कर्ट्स के कई वेरायटीज निकाले गए है. सभी तरह के स्कर्ट्स में हाई लो स्कर्ट का चलन सबसे ज्यादा है. इस स्कर्ट में सामने से लेंथ को काफी छोटा कर पीछे काफी लॉन्ग लुक दिया जाता है. कॉलेज गर्ल्स के लिए हाई लो स्कर्ट एक अच्छा विकल्प है. यह आपको मॉडर्न और स्टाइलिश लुक देता है.

हाई लो वन पीस

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वन पीस ड्रेसेस में हाई लो पैटर्न सबसे ज्यादा चल रहा है. हाई लो वन पीस पार्टी के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. सेलिब्रिटीज को भी हाई लो वन पीस में देखा जा रहा है. हाई लो वन पीस के साथ हाई हील्स, पेंसिल हील्स काफी जंचते हैं. ऑफ़ शोल्डर हाई लो वन पीस का ज्यादा क्रेज़ मेट्रो गर्ल्स में देखने के लिए मिलता है. डिज़ाइनर हाई लो वन पीस का इस्तेमाल शादियों में भी किया जा सकता है.

केवीपीवाइ स्कॉलरशिप परीक्षा के लिए आवेदन, जानिए कब और कैसी होगी परीक्षा

शिक्षा नौकरी:- किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना ( केवीपीवाइ  स्कॉलरशिप के लिए आवेदन आ चुके हैं. इच्छुक विद्यार्थी 23 अगस्त तक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं.

एग्जाम उन विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर है जो अपनी पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप लेना चाहते हैं. यह परीक्षा 11 वीं से स्नातक तक के विद्यार्थी दे सकते हैं.

क्या है केवीपीवाइ परीक्षा

  • केवीपीवाइ स्कॉलरशिप परीक्षा की शुरुआत वर्ष 1999 में की गयी थी. इस परीक्षा की शुरुआत छात्रों के प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए की गयी थी.
  • केवीपीवाइ से प्रतिभावान साइंस छात्रों को फ़ेलोशिप दी जाती है.
  • फ़ेलोशिप के लिए उम्मीदवारों का चयन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बेंगलुरु, की नेशनल एडवाइजरी कमेटी करती है.

आप करें आवेदन

  • केवीपीवाइ स्कॉलरशिप परीक्षा का आवेदन बेसिक साइंस के छात्र कर सकते हैं. यह परीक्षा 11वीं से लेकर स्नातक तक के सभी छात्र दे सकते हैं.
  • प्रश्नपत्र में सवाल छात्रों के शैक्षिक योग्यता के अनुसार पूछे जाते हैं. परीक्षा पास करने वाले छात्रों को फ़ेलोशिप या स्कॉलरशिप दी जाती है.

केवीपीवाइ स्कॉलरशिप  के लिए ऐसे करें आवेदन

छात्रों को केवीपीवाइ के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए आप केवीपीवाइ की वेबसाइट www.kvpy.iisc.ernet.in पर जाकर आवेदन करें.

  • पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जायेगी.
  • पहले चरण में छात्रों को अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा
  •  दूसरे चरण में उम्मीदवारों को अपनी व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारियां देनी होगी और तीसरे चरण में आवेदकों को आवेदन शुल्क देने होंगे.
  • इस परीक्षा के लिए सामान्य व ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को एक हज़ार रुपये और एससी व एसटी श्रेणी के उम्मीदवारों को पांच सौ रुपये देने होंगे.

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क्या है टेस्ट पैटर्न

  • उम्मीदवारों को इस स्कॉलरशिप को पाने के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट देना होगा.
  • एप्टीट्यूड टेस्ट के प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पूछे जाएंगे.
  • इस टेस्ट का कोई निर्धारित सिलेबस नहीं है. प्रश्न बेसिक साइंस से पूछे जाएंगे.
  • सवालों का स्तर उम्मीदवारों के शैक्षणिक योग्यता के अनुसार होगा.
  • यह परीक्षा ऑनलाइन और दो सत्रों में ली जायेगी.
  • 2पहला सत्र सुबह 9:30 से 12:30 बजे तक चलेगा और दूसरा सत्र दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक चलेगा.

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अंतिम तिथि 

आप केवीपीवाइ के लिए आवेदन 27 अगस्त तक कर सकते हैं. एप्टीट्यूड टेस्ट 5 नवम्बर 2017 को ली जायेगी. परीक्षा का प्रवेश पत्र अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में जारी किया जायेगा.

​​नैपोटिज्म विवाद में नया टर्न, जानिए ऐसा क्या हुआ जो सैफ को मांगनी पड़ी माफ़ी

फ़िल्मी दुनिया:-  पिछले हफ्ते आयोजित आइफा अवार्ड्स से ​नैपोटिज्म विवाद (परिवारवाद विवाद) ने जोड़ पकड़ ली थी. इसी विवाद को बढ़ता देख सैफ अली खान ने एक पत्र जारी कर कंगना रनौत से परिवारवाद विवाद को लेकर माफ़ी मांगी है.

उन्होंने डीएनए में प्रकाशित अपने ओपन लेटर में कहा कि आइफा में परिवारवाद पर की गयी बातें मजाक थीं. उसे इतना बढ़ाने की आवश्यकता नहीं थी. मैंने कंगना से पर्सनली माफ़ी मांग ली थी. इसलिए वो बात अब वहीँ खत्म हो जानी चाहिए.

​नैपोटिज्म विवाद पर कंगना का जवाब:-

सैफ ने अपने ओपन लेटर में एक्टिंग की प्रतिभा को अनुवांशिक या जेनेटिक बताया था. इसी का जवाब देते हुए कंगना ने अपने खत में कहा कि अगर एक्टिंग की प्रतिभा जीन में होती और सैफ सही होते तो शायद आज मैं किसान होती. मुझे समझ नहीं आता कि मेरे जीन पूल से किस जीन से मुझे मेरे पसंदीदा काम करने का गुण मिला है.

क्या था मामला:-

दरअसल आपको बता दें की कुछ महीने पहले कंगना करण जौहर के चैट शो ‘ कॉफ़ी विथ करण’ पर गयी थी. चैट शो में कंगना ने फ़िल्मी जगत में चल रहे परिवारवाद का मूल कारण करण जौहर को बताया था. तभी से यह बहस सोशल मीडिया पर छायी हुई है.

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​नैपोटिज्म विवाद
PC- Google

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इसी बहस को आगे बढ़ाते हुए करण जौहर , वरुण धवन और सैफ अली खान ने आइफा अवार्ड्स में कंगना रनौत पर तंज कसते हुए ” नैपोटिज्म जिंदाबाद” के नारे लगाये थे. साथ ही करण जौहर ने कंगना को हिदायत देते हुए कहा था कि कंगना बहुत ज्यादा बोलतीं हैं, उन्हें चुप रहना सिखना चाहिए.

इसी बात पर करण को जवाब देते हुए कंगना ने कहा कि शायद करण भूल रहें हैं कि दिलीप कुमार, बिमल रॉय, सत्यजीत रे, गुरु दत्त आदि ने अपनी प्रतिभा के कारण फ़िल्मी जगत में नाम कमाया ना कि परिवारवाद के कारण.

ईवीएम गड़बड़ी को लेकर अब डीएम ने किया बड़ा खुलासा !

महाराष्ट्र:- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से ईवीएम गड़बड़ी का मामला सामने आया है तब से लेकर हाल के हुए नगर निगम चुनावों में भी इसका असर सुनने को मिल रहा है.  इसी सिलसिले में अब एक और इवीएम का मामला सामने आ रहा जिसका खुलासा एक डीएम ने किया.

पढ़िए क्या है मामला

दरअसल ये मामला महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में हाल ही में हुए परिषदीय चुनाव के दौरान लोणार के सुल्तानपुर गांव में मतदान के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ की बात सामने आई. इलाके की एक निर्दलीय प्रत्याशी आशा अरुण जोरे ने इसको लेकर निर्वाचन अधिकारी को तत्काल पड़ताल के लिए कहा भी था लेकिन ईसी के तरफ से इसपर कोई एक्शन नहीं लिया गया, लेकिन जब धीरे धीरे लोगों की शिकायत को लेकर तादाद बढ़ती चली गयी तब जाके ईसी ने इस पर एक्शन लिया.

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  • वहीँ आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया कि “मतदाता जब भी एक प्रत्याशी को आवंटित चुनाव चिह्न नारियल का बटन दबाते तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव चिह्न कमल के सामने वाला एलईडी बल्ब जल उठता। निर्वाचन अधिकारी ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी, जिसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ।”

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गलगली ने कहा, “इस मामले से साबित हो गया कि ईवीएम में छेड़छाड़ संभव है। एक मतदाता ने पहली बार इस ओर ध्यान दिलाया, जिसके बाद कई मतदाताओं ने इसकी पुष्टि की तथा निर्वाचन अधिकारी और अन्य अधिकारियों ने शिकायत का सत्यापन कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी।”

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गौरतलब है की उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परुनाम के बाद से ईवीएम गड़बड़ी  का मामला सामने आया था, जिसके बाद हुए कई चुनावों में ये मामला उठता आ रहा है. ईसी ने इसके लिय नये ईवीएम मशीन को भी लाया लेकिन उसके बावजूद इससे पार नहीं पाया जा रहा. बहरहाल देखना होगा अब इस मामले को लेकर ईसी क्या कदम उठाता है.

 

 

एसएससी सीजीएल टायर 1 परीक्षा को क्रैक करना है तो ये 10 टिप्स न भूले

शिक्षा नौकरी- एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) सीजीएल टायर 1 की परीक्षा अगस्त में शुरू हो रही है. परीक्षा 9 अगस्त से 16 अगस्त के बीच आयोजित की जायेगी. विद्यार्थियों का प्रवेश पत्र भी जल्द जारी होगा. जो विद्यार्थी सरकारी नौकरी में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए एसएससी सीजीएल की परीक्षा क्रैक करना एक सपने जैसा है.

एसएससी की परीक्षा से भारत सरकार के अंतर्गत विभिन्न विभागों में नियुक्तियां होती हैं.  हर साल इस परीक्षा में लाखों विद्यार्थी शामिल होते हैं. अगर आप भी इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो अभी से अपनी रणनीति बना लें.

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एसएससी सीजीएल क्रैक करने के लिए ये हैं कुछ एग्जाम टिप्स –

1. सबसे पहले एग्जाम पैटर्न को अच्छे से समझें  , इसमें चार सेक्शन्स होते हैं- जनरल अवेयरनेस, न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड, इंग्लिश, रिजनिंग हर सेक्शन में 25 प्रश्न पूछे जायेंगे यानी पेपर में कुल 100 प्रश्न होंगे. प्रश्नपत्र को हल करने के लिए 75 मिनट दिए जाएंगे.

2. एग्जामिनेशन हॉल में सबसे पहले अपने मन को शांत करके स्थिरता से प्रश्न देखें. एग्जामिनेशन हॉल में घबराना नुकसानदायक साबित हो सकता है.

3. ध्यान दें इस साल टायर 1 की परीक्षा ऑनलाइन होगी.  इसलिए पहले से ही ऑनलाइन परीक्षा देने की प्रैक्टिस कर लें. इसके लिए आप किसी कोचिंग संस्थान या इन्टरनेट की मदद लें.

4. हर सेक्शन के लिए टाइम डिवाइड करें और कोशिश करें की आवंटित समय में ही प्रश्न हल कर लें.

 

5. सबसे पहले उस सेक्शन को सॉल्व करें जो आपको सबसे आसान लग रहा हो.

6. पुरे प्रश्नपत्र को तीन भाग में सॉल्व करें – सबसे पहले सभी सेक्शन्स के आसान प्रश्न, फिर सामान्य प्रश्न और अंत में कठिन प्रश्न को बनायें.

7. सिर्फ वही प्रश्न हल करें जिसका जवाब आपको पता हो. अनुमानित जवाब देने से बचें क्योंकि एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान है.

8. मैथ्स के सवालों को हल करने के लिए ट्रिक्स, शॉर्ट कट आदि तरीकों को अपनायें.

9. एग्जाम प्रिपरेशन के दौरान ही महत्वपूर्ण चैप्टर्स को पहचानें और इन चैप्टर्स की तैयारी अच्छे से करें. सभी चैप्टर्स के नोट्स और शॉर्ट नोट्स बनाकर पढ़ें.

10. प्रिपरेशन के दौरान बीते वर्षों के प्रश्न पत्र को जरूर सॉल्व करें. साथ ही हर दिन एक मॉक टेस्ट जरूर दें.