महागठबंधन टूटते ही
photo credit- inkhabar

बिहार:-  महागठबंधन टूटते ही लालू और तेजस्वी यादव की मुश्किलें और बढ़ती चली जा रही है। दरअसल नीतीश कुमार को अभी भाजपा के साथ गठबंधन किये 24 घण्टा भी नही हुआ और तब तक इधर तेजस्वी  यादव पर एक और बड़ा संकट मंडराने लग गया।

दरअसल रेलवे होटल अलॉटमेंट में भ्रष्‍टाचार को लेकर ईडी ने लालू, बेटे व बिहार के पूर्व डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव के खिलाफ केस दर्ज किया है। लालू के परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।

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क्या था मामला:- 

गौरतलब है की  यह मामला साल 2006 में रेलवे के होटल आवंटन में गड़बड़ी से जुड़ा है। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई ने इस मामले में पहले से ही लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उप मुख्यमंत्री और उनके बेटे तेजस्वी यादव, आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पी के गोयल, यादव के विश्वासपात्र प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सुजाता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर रखा है।

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प्रेस कांफ्रेंस में लालू का बयान:-

बता दें महागठबंधन टूटते ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नियम के तहत राज्यपाल को सबसे बड़े दल को सरकार के लिए आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि तेजस्वी एक बहाना था, भाजपा की गोद में जाना था।

लालू ने कहा, “नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं लेकिन मैं बता दूं कि यह(नीतीश) 302 के मुद्दाले हैं। मैं नीतीश कुमार के बहुत सारे व्यक्तिगत विवाद जानता हूं लेकिन कहना अच्छा नहीं लगता।”

वहीँ  उपमुख्यमंत्री का पद अब लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव से छिनकर बीजेपी के सुशील मोदी को मिल चुका है। नीतीश इस्तीफा देने के महज 24 घंटे से भी कम समय में बीजेपी से समर्थन पाकर वापिस सीएम बन गए हैं।

साभार- जनसत्ता

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