इस्तीफ़ा
फोटो साभार- इंडिया टुडे ग्रुप

पटना:- ​लगभग कई महीनों से चल रहे अंदरूनी मनमुटाव के बाद आखिरकार बुधवार की शाम में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफ़ा सौंपा।

इस्तीफ़े को लेकर कई तरह के अटकलें और बयानबाजी भी आयी, जहाँ एक तरफ लालू यादव ने नीतीश पर मर्डर का आरोप लगाते हुए बयान दे रहे हैं। तो वहां भाजपा के नेता नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए पार्टी में आने का न्योता भी दे रहें हैं।

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लेकिन इस्तीफे की असली वजह क्या है आइये हम आपको बताते हैं…

  • ये शुरुआत तब से शुरू हो गयी थी जब पहली बार नोटबंदी के समर्थन में नीतीश कुमार आये थे।
  • इस तकरार के बीच मामला औऱ बिगड़ी जब नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के लिए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन किया.  तब इशारों में उनके उपर लालू यादव ने भी हमला किया और महागठबंधन तल्खियां बढ़ीं.
  • इन सबके बावजूद भी नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मिलकर लालू यादव औऱ तेजस्वी यादव के अड़ियल रूख से परेशान इस बात पर चर्चा की लेकिन इससे कोई फायदा नही हुआ।
  • नीतीश कुमार की अपनी बेदाग छवि रही है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद लगातार उनकी छवि को लेकर सवाल उठने लगे थे कि वो अपने कैबिनेट में ऐसे डिप्टी सीएम को रखे हैं जिसपर घोटाले का आरोप लगा है.
  • ऐसे में नीतीश कुमार को चुनाव अपनी छवि औऱ महागठबंधन सरकार की अगुवाई के बीच करना था.
  • ऐसे में इतना कुछ हो जाने के बाद उनके लिए ये सरकार चला पाना मुश्किल था, क्योंकि उनका अपना ही मुख़्यमंत्री ही उनके अनुशासन की धज्जियां उड़ा रहा था।
  • यही वजह है नीतीश कुमार ने समय को देखते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देते हुए गठबंधन तोड़ दिया।

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