देश में ब्लैक फंगस (म्युकोर मईकोसिस ) से संक्रमित मरीज मिलने का सिलसिला जारी है इसी बीच बुधवार को मेरठ जिले में 24 और मरीजों का पता चला है। वहीं फलावदा थाना क्षेत्र के रहने वाले ब्लैक फंगस के एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गयी| Black Fungus की चपेट में आये आठ मरीजो का इलाज मेडिकल कॉलेज ,पाच का आनंद अस्पताल, चार का निजी अस्पतालों मे और अन्य अस्पतालों में चल रहा है।
यह मरीज मेरठ के अलावा , हापुड़ , बुलंदशहर , अमरोहा , गाजियाबाद , शामली और मुरादाबाद आदि के रहने वाले है
लगातार मिल रहे मरीजों के बाद ब्लैक फंगस के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज को 66 इंजेक्शन (एंफोटेरिसन-बी 50 एमजी) मिले हैं। सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति के वजन के हिसाब से इसकी डोज दी जाती है।
बाजार में Black Fungus की दवाएं भी उपलब्ध नहीं
बाजार में ब्लैक फंगस की दवाइयां भी कम हैं। महंगी होने के कारण कुछ ही दवा व्यापारियों के पास ही यह मिल रही हैं।
संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता और ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने एडिशनल ड्रग कंट्रोलर वीरेंद्र कुमार और औषधि निरीक्षक से दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
ब्लैक फंगस की चपेट में आए मरीजों के तीमारदारों की परेशानी के मद्देनजर मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इसके इंजेक्शन की बिक्री का नियंत्रण प्रशासन अपने हाथ में ले। एसोसिएशन महामंत्री घनश्याम मित्तल ने बताया कि जो इंजेक्शन बाजार में है ही नहीं, तीमारदार उसके लिए मिन्नतें कर रहे हैं। ऐसे में कंपनी से जो स्टॉक आए, प्रशासन उसकी पूरी निगरानी करें।