गांव-देश में एक कहावत कही जाती है कि सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता है। यही वजह है कि चुनाव के दौरान कहीं गुरु-शिष्य आपस में लड़ रहे हैं, तो कहीं चाचा-भतीजा एक दूसरे को ललकार रहे हैं। सीट जीतने के लिए मतदाताओं के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
आज ऐसी ही कुछ सीटों की बात करेंगे, जहां कहीं दोस्त पर धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं, तो कहीं खुद के साथ हुई नाइंसाफी गिना रहे हैं। यहां मुकाबला रोचक है, क्योंकि दोनों एक-दूसरे की चाल को समझते हैं। दोनों के बीच शह और मात का खेल भी जारी है। up election news
कुंडा विधानसभा क्षेत्र में गुरु-शिष्य आमने-सामने
प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र में अभी नामांकन नहीं हुआ है, लेकिन यहां गुरु-शिष्य आमने-सामने होंगे। यहां के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रितक से मैदान में उतर रहे हैं तो सपा ने गुलशन यादव को मैदान में उतार दिया है। यह वही गुलशन यादव हैं, जिन्होंने राजा भैया की सरपरस्ती में सियासत में कदम रखा।
फिरोजाबाद में दोस्ती अब दुश्मनी में बदली
फिरोजाबाद की सदर सीट से सपा के टिकट पर मैदान में उतरे सैफुर्रहमान और पूर्व विधायक अजीम भाई की दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई है। अजीम की पत्नी साजिया हसन बसपा के टिकट पर मैदान में हैं।
लखनऊ की मोहनलालगंज सीट, जहां राजनीति में लाने वाला ही बन गया सियासी दुश्मन
लखनऊ की मोहनलालगंज सीट पर 2017 में सपा का खाता खोलने वाले विधायक अंबरीश पुष्कर ने दो दिन पहले सपा के चिह्न पर नामांकन किया। अगले दिन पुष्कर का टिकट काटकर पूर्व सांसद सुशीला सरोज को मैदान में उतार दिया गया। ऐसे में विधायक पुष्कर ने निर्दल चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कभी बीएस-4 के सक्रिय सदस्य रहे अंबरीश पुष्कर को राजनीति में लाने का श्रेय सुशीला सरोज को जाता है।
कन्नौज में गुरु के खिलाफ शिष्य ने ठोकी ताल
कन्नौज जिले की तिर्वा विधानसभा सीट पर भाजपा ने विधायक कैलाश राजपूत को मैदान में उतारा है। इनके सामने बसपा से अजय वर्मा ने ताल ठोक दी है। वर्ष 2007 में कैलाश और अजय साथ-साथ बसपा में थे। अजय वर्मा ब्लाॅक प्रमुख भी रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव में गुरु के खिलाफ शिष्य ने ताल ठोक दी है।
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उरई सीट पर दो रिश्तेदारों में चुनावी जंग
जालौन जिले के पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी के परिवार में सियासी जंग शुरू हो गई है। उनकी पत्नी उर्मिला स्वर्णकार ने कांग्रेस के टिकट पर उरई से पर्चा भरा है। इसी सीट पर खाबरी के दूसरे रिश्तेदार श्रीपाल ने बसपा के टिकट पर पर्चा दाखिल कर दिया है।
दो परिवारों की दोस्ती सियासी दुश्मनी में बदली
बांदा जिले के बबेरू विधानसभा क्षेत्र में सपा ने विशंभर यादव को उतारा है। पिछली बार बसपा से चुनाव लड़ने वाली किरन यादव कुछ समय पहले सपा में शामिल हुईं। सपा ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय मैदान में हैं।
ललितपुर सीट पर दोनों मौसेरे भाई
ललितपुर सीट पर सपा ने पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा को मैदान में उतारा है। यहां भाजपा ने राम रतन कुशवाहा को मैदान में उतार दिया है। ये दोनों मौसेरे भाई हैँ।