सावधान :- ब्लू व्हेल नाम का एक गेम इन दिनों काफी चर्चे में है. यह गेम कोई साधारण ऑनलाइन डिजिटल गेम नहीं बल्कि एक कातिलाना खेल है. यह खेल जल्द ही अपने खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार देता है. खास बात तो यह है कि आप इस गेम को बीच में छोड़ नहीं सकते. कहीं आपका भी यह गेम खेलने का कोई इरादा तो नहीं? पढ़िए पूरी खबर.
क्या है यह गेम
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ब्लू व्हेल एक अंडरग्राउंड गेम है जिसे ऑनलाइन खेला जाता है.
- इस गेम में खिलाड़ी को 50 टास्क दिए जाते हैं.
हर दिन एक टास्क को पूरा करना होता है. गेम में खिलाड़ियों को अजीबो- गरीब टास्क जैसे अकेले कमरे में कोई डरावनी फिल्म देखना, अनगिनत घंटों तक जागना, हाथ पर ब्लेड से ब्लू व्हेल की आकृति बनाना आदि शामिल हैं. इन्हीं टास्क को पूरा करते हुए खिलाड़ी जब अंतिम टास्क या स्टेज पर पहुँचता है तो उसे आत्महत्या करने के लिए बोला जाता है.
पहले करता है डिप्रेस्ड
यह गेम पहले अपने खिलाड़ियों को हिप्नोटाईज करता है. जब खिलाड़ी इसे खेलने लगता है तो यह गेम उन्हें डिप्रेशन का शिकार बनाता है.
हर स्टेज पर वह खिलाड़ी को डिप्रेसेड करता है और उसे आत्महत्या के लिए उकसाता है. अंतिम स्टेज आते-आते खिलाड़ी इतना डिप्रेस्ड हो जाता है कि वो झट से आत्महत्या कर लेता है.
मुम्बई में हुआ पहला शिकार
- इस गेम के कारण रूस में 100 से ज्यादा लोगों की आत्महत्या करने की खबर आयी है.
- पहली बार इस तरह की घटना की खबर साल 2015 में आयी थी.
- अब इस गेम का आतंक भारत तक पहुँच गया है.पहली आत्महत्या मुम्बई में की गयी है.
14 साल के लड़के ने छत से लगायी छलांग
- आत्महत्या करने वाला अँधेरी के एक इंटरनेशनल स्कूल के 9वीं कक्षा का छात्र था.
- लड़के ने एक दिन पहले ही अपने क्लासमेट को बता दिया था कि वो अगले दिन स्कूल नहीं आएगा.
- लड़के के एक पड़ोसी ने उसे छत पर चलते हुए देखा था.
- पड़ोसी ने बताया कि लड़का छत के ऊपर चल रहा था फिर उसने एक सेल्फी ली और छत से छलांग लगा ली.
- मौके पर ही उस बच्चे की मौत हो गयी.
ये है इस गेम का फाउंडर
- इस गेम के फाउंडर का नाम फिलिप बुदेकिन बताया जा रहा है जो 21 साल का है.
- इस वक्त यह रूस के जेल में है.इसे एक मानसिक बिमारी है.
- इसका कहना है कि यह इस गेम से सोसाइटी को साफ़ कर रहा है. हांलाकि अभी तक इस बात की कोई पुख्ता सुचना नहीं मिली है.
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