SAMACHARUP:- कहावत है की एक पेड़ तभी हरा भरा और ऊँचा जा सकता है जब उसकी जड़ें मजबूत होंगी. कुछ इसी तरह भाजपा की हाल है, पार्टी की ऊँचाइयां किसी से छुपी नहीं है. पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली जैसे कर्मठ नेता आगे लेने जाने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहते हैं. लेकिन कहीं न कहीं अब ऐसा लगता है की इसकी जड़ें अब कमजोर होंने लगी हैं. शायद यही कारण है बीजेपी के पांच नेताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया.
दरअसल आप को बतादे की इस महीने के शुरुआत में दीव में नगर निगम के चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस ने 13 सीटों में से 10 सीटों पर अपना कब्जा जमाया। इन चुनावों में बीजेपी को केवल तीन सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा था।
जिस दिन इन चुनावों के नतीजे आए थे उसी दिन हार की जिम्मेदारी लेते हुए और नैतिक कृतव्य की बात करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष किरित वजा ने इस्तीफा दे दिया था।इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान शशिकांत सोलंकी ने कहा कहा भी की पार्टी मुझे जिला पंचायत के अध्यक्ष पद से हटाना चाहती है. इसके अलावा भी ऐसे कई मौके आ चुके है जब पार्टी में ऐसे ख़बरें आई हो.
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बहरहाल इस बार ऐसी स्थिति तबसे देखने को मिल रही जब दमन और दीव में बीजेपी को दीव नगर निगम चुनावों में मिली हार से पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। दीव जिला पंचायत अध्यक्ष समेत पांच लोगों ने इस हफ्ते की शुरुआत में बीजेपी से किनारा कर लिया। इस सामूहिक इस्तीफे के बाद बीजेपी की जिला पंचायत की सत्ता को करारा झटका लगा है।
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हालाँकि आपको बतादें इस पर बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष टंडेल ने कहा कि अभी न तो किसी भी जिला पंचायत से जुड़े व्यक्ति का इस्तीफा मंजूर किया गया है और न ही शाह और वजा का इस्तीफा मंजूर हुआ है। प्रदेश की होने वाली अगली बैठक में इस मामले पर चर्चा की जाएगी और तभी इन लोगों के इस्तीफे को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा। अब ये आने वाला समय ही बतायेगा की पार्टी अपने जड़ को मजबूत बनाती है या इसे खोखला होने देती है.
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