Friday, July 26, 2024

जाने क्या है पूरा भारत – चीन सीमा विवाद

पड़ोसियों को परेशान करने और अपनी विस्तारवादी नीति को लेकर चीन को हमेशा से ही दुनिया की आलोचनाएं झेलनी पड़ती रहीं हैं । इसके बावजूद भी चीन की इन हरकतों में कमी के बजाय तेज़ी ही देखने को मिलती रहती हैं ।

  • मई महीने से ही भारत और चीन की सेना बॉर्डर पर आमने सामने है ।
  • इससे पहले भी साल 2017 में डोकलाम में दोनों सेनाएं 73 दिनों तक सामने में डटी रही थी ।

एक तरफ़ जहां दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है तो वहीँ चीन भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ाने पर लगा हुआ है। इसका उदाहरण गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प की घटना हैं । वहीं सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर भी चीन की ओर से गतिविधियां देखने को मिली है । मई महीने से ही भारत और चीन की सेना बॉर्डर पर आमने सामने है। इसे लेकर अमरीका और रूस जैसे कई देशों ने दोनों देशों को बातचीत से मामला हल करने की सलाह दी है ।

सीमा पर चीनी घुसपैठ और तनाव का यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी साल 2017 में डोकलाम में दोनों सेनाएं 73 दिनों तक सामने में डटी रहीं थी। और भी कई बार छोटे स्तर पर ये समस्या सामने आती रहती थीं । लेकिन इस बार गलवान में हुई घुसपैठ और हिंसक झड़प चीन के ख़तरनाक इरादों की ओर इशारा करती है ।

कारण —  सीमा पर बार बार होने वाली इस घुसपैठ का कारण चीनी विस्तारवादी नीति तो है ही। साथ ही साथ भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण न होना भी इसका एक कारण माना जाता है । 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद दोनों देशों की यथास्थिति को एलएसी की संज्ञा दी गई थी। लेकिन इसके बाद भी चीन की ओर से बार – बार घुसपैठ की घटनाएं सामने आती रहती हैं ।

ऐतेहासिक रूप से दोनों देशों के बीच अब तक 3 बार सीमा निर्धारित हो चुकी है । 1865 में जॉनसन लाइन , 1893 में मैकडोनाल्ड लाइन और आख़िरी बार 1914 में मैकमोहन रेखा का निर्धारण हुआ है । लेकिन चीन मैकमोहन रेखा को नकारता रहा है । इस कारण अब तक दोनों देश सीमा निर्धारण पर एकमत नही हो पाए हैं । भारत अक्साई चीन पर चीन का अवैद्य कब्ज़ा बताता आया है । तो वहीँ चीन सिक्किम , अरुणाचल आदि कई क्षेत्रों पर अपना दावा करता है और उन्हें चीन का भाग बताता है ।

जानकारों की माने तो वर्तमान में सीमा पर चीनी आक्रामकता का कारण भारत द्वारा बॉर्डर पर तेज़ी से होते निर्माण कार्य और दुनिया व दक्षिण एशिया में बढ़ता भारतीय प्रभुत्व है । हाल ही में भारत सरकार द्वारा FDI की नई नीति से भी चीन को झटका लगा है । इसके अलावा कोरोना वायरस के आरोपों से घिरा चीन इन हरकतों से दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है ।

आगे — दोनों देशों के बीच हालिया तनाव का अंदाजा सीमा पर बड़ी संख्या में सेना की तैनाती से लगाया जा सकता है । भारत ने सीमा पर किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी है । वहीँ दूसरी ओर दोनों देशों के मंत्री और अधिकारियों के बीच बातचीत का दौर भी शुरू है । ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों देश तनाव को ख़त्म करेंगे । क्योंकि भारत और चीन के बीच किसी भी तरह का संकट पूरी दुनिया के लिए संकट का रूप ले सकता है ।

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