मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी 26 नवम्बर की शाम 5 बजे से चुनाव प्रचार थम गया. सभी दल के नेता चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिए हैं. लगभग हर एक गांव में जा-जा कर लोगों से वोट मांगने की अपील भी कर चुके हैं.
इन सबके अलावा मध्य प्रदेश में एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा भी है जहां से लगभग 35 हजार लोग दूसरे राज्य में पलायन कर चुके हैं. उन पलायन कर चुके लोगों को वापस लाने को लेकर स्थानीय नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
दरअसल ये बैतूल जिले का भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र है. जो कि महाराष्ट्र- मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित है. इस विधानसभा क्षेत्र से अब तक लगभग 35 हजार वोटर्स बेरोजगारी के कारण महाराष्ट्र में पलायन कर गए हैं. जिनको 28 नवम्बर को होने वाले मतदान में वापस लाने के लिए सभी स्थानीय दल के नेताओं का चिंता का विषय बना हुआ है. ये महाराष्ट्र सीमा से सटे हुए गांव के लोग हैं जिसमें खोकई से लेकर मेघा, चिठ्ठाणा, कोथलकुंड, सावलमेंढ़ा, तेढ़ीइमली, काकड़पानी, उदामा, निरोगमगी, येरापुर, जिरी, डेडवा कुंड, मालेगांव को लेकर और कई गाँव शामिल है.
पलायन करने की वजह
पलायन करने वाले लोगों की माने तो वे सब दो जून की रोटी के लिए घर बार छोड़कर जाते हैं और त्योहारों पर ही वापस आते हैं. इसके पीछे का कारण है गांव में काम न मिलना, अगर मिलता भी है तो दिन भर बहाए गए पसीने के बदले में सूखी रोटी ही नसीब हो पाती है. जिले में महिलाओं को 100 तो पुरुषों को 150 रुपया मिलता है. महाराष्ट्र में यह मेहनताना दो गुना से अधिक मिलता है.
विधायक रहते हैं 110 किलोमीटर दूर
भैंसदेही क्षेत्र चारो ओर पहाड़ी से घिरा हुआ क्षेत्र है. यह अनूसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां के वर्तमान विधायक भाजपा के महेन्द्र सिंह चौहान हैं. विधायक महोदय क्षेत्र से 110 किलोमीटर दूर दामजीपुरा गांव मेें रहते हैं. कभी-कभी ही विधायक जी इस क्षेत्र में आते हैं. क्षेत्रवासियों को अगर कोई समस्या बतानी हो तो पहले 110 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
बता दें कि यहां से 6 बार कांग्रेस तो 5 बार भाजपा ने चुनाव जीता है. वहीं इस बार भाजपा के महेन्द्र सिंह चौहान और कांग्रेस के धरमु सिंह सिरसाम के बीच मुकाबला हो रहा है.
स्थानीय नेता कर रहे हैं वापस बुलाने का प्रयास
पलायन कर चुके लोगों को वापस लाने के लिए क्षेत्र के स्थानीय नेता मिलकर प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे 28 को मतदान दे सकें. इसके लिए वे गाड़ियों का इंतेज़ाम भी कर रहे हैं. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 28 तारीख को वोटिंग होनी है जिसका परिणाम 11 दिसम्बर को आएगा.