यूक्रेन में करीब 18,095 भारतीय छात्र फंसे हुए थे। इनमें से कुछ ही भारत लौट पाए हैं, जबकि अभी भी करीब 15 हजार छात्रों को वहां से निकालने के प्रयास जारी हैं। लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर हर साल MBBS करने यूक्रेन क्यों जाते हैं भारतीय छात्र?

तो बता दें यूक्रेन में मेडिकल पढ़ाई का खर्च भारत के निजी कॉलेजों के अपेक्षा आधे से भी कम आता है। जहां भारत के सरकारी कॉलेजों में सालाना मेडिकल पढ़ाई का खर्च करीब ढाई से तीन लाख रुपए पड़ता है। वहीं, भारत के प्राइवेट कॉलेजों में पांच साल की मेडिकल पढ़ाई का खर्चा करीब 75 लाख से 80 लाख रुपए तक होता है।

वहीं, यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई की फीस सालाना दो से चार लाख रुपए के बीच होती है। यानी पांच साल की पूरी पढ़ाई का खर्च तकरीबन 25 लाख से 30 लाख रुपए तक पड़ता है।