SamacharUP- आज के ज़माने में अगर किसी का दो किलो वजन भी बढ़ जाता है तो लोग परेशान हो जाते हैं और तुरंत ही इन्टरनेट पर डाइटिंग प्लान और टिप्स गूगल करने लगते हैं. इस मामले में लड़कियां तो लड़कों से काफी आगे हैं. आजकल की लड़कियां काफी फिगर कॉन्सियस होती हैं. अपने बॉडी फिगर और डाइटिंग को लेकर वो काफी जागरूक होती हैं.अपने बॉडी शेप को मेन्टेन करने के वे अलग अलग तरीके आजमाती हैं जिसमें से सबसे आम उपाय डाइटिंग है.
तो डाइटिंग करने वाले सावधान हो जायें, कहीं आपका हाल भी कुछ ऐसा ना हो जाये.पढिये ये रिपोर्ट-
- नाम- वलेरिया लेविटिन
- उम्र- 39 वर्ष
- हाइट- 5 फुट 8 इंच
- वजन- 25 किलोग्राम
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चौकिये मत! हम आपको कोई कहानी नहीं बल्कि एक खौफनाक असलियत बताने जा रहे हैं. वलेरिया लेविटिन, जिनका वजन मात्र 25 किलोग्राम है,वो बचपन से ही ऐसी नहीं थी और ना ही उनको कोई अनुवांशिक बिमारी है. अब सवाल तो यह खड़ा होता है कि आखिर इनका ऐसा हाल हुआ कैसे? तो हम आपको बताते हैं कि इनका ऐसा हाल डाइटिंग ने किया है.
वलेरिया इस दुनिया की सबसे पतली लड़की है. उन्हें एनोरेक्सिया नामक एक गंभीर बीमारी है.यह बिमारी जरुरत से ज्यादा भूखे रहने के कारण होती है. वलेरिया अब दूसरी लड़कियों को इस बिमारी के विषय में जागरूक करती हैं. अपने एक इंटरव्यू में वलेरिया ने कहा,”मुझे हरदिन कई लड़कियों के मेल आते थे. ये लडकियां मेरे जैसा फिगर पाना चाहती थी और इसी विषय में वो मुझसे सुझाव मांगती थी.तभी मैंने ये ठाना कि मैं लोगों को एनोरेक्सिया के विषय में जागरूक करूंगी.”
कौन है वलेरिया लेविटिन
- वलेरिया रूस की रहने वाली हैं.
- वे जब युवा थीं तो वो अपने जिंदगी में एक कामयाब मॉडल बनना चाहती थी. मगर दूसरे लोग उन्हें मोटा कहकर बुलाते थे.
- वलेरिया के मन में इस बात ने अपना घर बना लिया कि बहुत मोटी है जिस कारण वो एक मॉडल नहीं बन सकती.
- अपनी इसी कमी को हटाने के लिए वलेरिया ने डाइटिंग की शुरुआत की.
- डाइटिंग की लत ऐसी लगी कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब उन्हें एनोरेक्सिया जैसी गंभीर बिमारी हो गयी.
- एनोरेक्सिया के कारण ही उनके शरीर का ये हाल हुआ.
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क्या है एनोरेक्सिया
- एनोरेक्सिया एक ईटिंग-डिसऑर्डर बिमारी है. ज्यादा भूखे रहने और डाइटिंग करने से ये बिमारी होती है.
- जो लोग खुद को पतला करने के लिए डाइटिंग या भूखे रहते हैं उन्हें ये बिमारी होने की ज्यादा संभावना होती है.
- लोग अपने वजन को घटाने में इतने खो जाते हैं कि उनके दिमाग को यह पता ही नहीं चल पाता की वे एनोरेक्सिया जैसी गंभीर के शिकार हो चुके हैं.
(साभार- द मिरर)