Monday, December 23, 2024

क्या होंगे राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव का असर ?

कोरोना संकट में चीन से पलायन करती कंपनियों तथा निवेशों को भारत में लाने के उद्देश्य से राज्यों ने अपने श्रम कानूनों में बड़े बदलाव किएं हैं । अमरीका – चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर के वक्त भी कई कंपनियों ने चीन से पलायन किया था। लेकिन जटिल श्रम कानून व कुशल श्रमिकों की कमी के कारण उन्होंने अन्य देशों का रुख़ किया था ।

  • मध्य प्रदेश ने 1000 , गुजरात ने 1200 दिनों के लिए श्रम कानूनों में बदलाव किएं हैं ।
  • कंपनियां मजदूरों से 8 के बजाए 12 घण्टे व हफ़्ते में 72 घंटों तक का ओवरटाइम ले सकती हैं ।

देश मे एक के बाद एक कई राज्यों ने श्रम कानूनों मे बदलाव किएं हैं ।  हालिया बदलावों की बात करें तो उत्तर प्रदेश सरकार ने बंधुआ मजदूरी , वेतन संदाय व महिला नियोजन छोड़कर अन्य सभी कानूनों को 3 वर्षों के लिए निलंबित कर दिया है । मध्य प्रदेश ने 1000 , गुजरात ने 1200 दिनों व हरियाणा , राजस्थान , महाराष्ट्र , पंजाब आदि ने भी श्रम कानूनों में बदलाव किएं हैं ।

इन बदलावों के बाद अब कंपनियां मजदूरों से 8 के बजाय 12 घण्टे व हफ़्ते में 72 घंटों तक का ओवरटाइम ले सकती हैं । इसके अलावा श्रमिकों पर हुई कार्रवाई के मामले में श्रम न्यायलयों का भी हस्तक्षेप अब लगभग खत्म हो जाएगा । इसके परिणाम स्वरूप अब कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी , कभी भी निकाले जाना , पीएफ बोनस आदि पर भी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकतें हैं ।

इन बदलावों का कई श्रमिक संगठनों , विपक्षी दलों और समाजसेवियों ने कड़ा विरोध किया है।  उनका आरोप है कि कानून में बदलाव से मजदूरों का शोषण बढ़ेगा और 8 की जगह 12 घण्टे काम से बेरोजगारी भी बढ़ेगी । वहीँ इस पर सरकार का तर्क है कि निवेश और अर्थव्यवस्था को गति देने हेतु यह बदलाव आवश्यक हैं । इसके माध्यम से मजदूरोँ को उनके गृह राज्यों में काम मिलने में आसानी होगी। वहीँ राज्यों के राजस्व में भी वृद्धि होगी और मजदूरों का हक़ सुनिश्चित होगा ।।

कोरोना संकट के कारण अर्थव्यवस्था व निवेश को गति देने जितना आवश्यक है। लेकिन उतना ही आवश्यक पहले से कोरोना संकट की मार झेल रहे मजदूरों की आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है । गौरतलब है कि दुनिया में श्रम कानूनों को लाने का मुख्य कारण मजदूरों को शोषण से मुक्ति दिलाना था । इसलिए सरकार का कर्तव्य है कि श्रमिकों के अधिकारोँ की रक्षा करें और कानूनों के निलंबन के अलावा भी अन्य उपायों की तलाश की जाएं ।

Stay Connected

15,900FansLike
2,300FollowersFollow
500SubscribersSubscribe

Trending News