देश की संसद ने हाल ही में किसान से जुड़े 3 बिलों कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक–2020 , कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक–2020 को मंजूरी दी है ।
- बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दिया ।
- अब किसान बुआई से पहले ही अपनी फ़सलों को व्यापारियों को बेच सकते हैं ।
इस बिल को लेकर देश के कई राज्यों में किसान आंदोलन पर उतर आएं हैं और इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहें हैं । सरकार को किसानों के साथ ही संसद में भी विपक्ष द्वारा भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है । राज्यसभा में सांसदों का विरोध बड़े स्तर पर आ गया , उपसभापति हरिवंश सिंह ने संजय सिंह और डेरेक ओ ब्रायन समेत 8 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया । इस बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है ।
विपक्ष इस बिल को किसानों के साथ अन्याय करने वाला बता रहा है । वहीं सरकार ने इस बिल को किसानों को सशक्त बनाने वाला कदम बताया है । सरकार ने विपक्ष पर झूठ फैलाने और किसानों को भ्रमित करना का आरोप लगाया है । सरकार ने साफ़ किया है कि इस बिल में एमएसपी के मामले में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है ।
क्या है बिल के प्रावधान – इन बिलों के अनुसार अब किसान अपनी फ़सलों को देश में कहीं भी जा कर बेच सकेंगे । इससे पहले किसानो को अपना अनाज मंडियों में ही बेचना पड़ता था , इसमें बिचौलिये उनका हक़ मार जाते थे । देश में लगभग 80 % छोटे किसान हैं जिन्हें अपना अनाज बेचने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था । लेकिन अब इस बिल के पास होने के बाद इनकी पहुंच सीधे व्यापारियों तक होगी । बिल में कांट्रेक्ट कृषि को बढ़ावा देने की बात की गई है । अब किसान बुआई से पहले ही अपनी फ़सलों को व्यापारियों को बेच सकते हैं जिससे उनका जोख़िम भी कम होगा । इसके अलावा कई अनाजों को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर कर दिया गया है जिससे किसान अब अनाज को स्टोर कर के रख सकते हैं ।
विरोध के कारण – विरोध कर रहें लोगों का कहना है कि मण्डीयों के बाहर में खरीद पर किसी तरह का शुल्क ना लगने से देश की मण्डी व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी । भविष्य में सरकार किसानों से फ़सल ख़रीदी भी बंद कर देगी और किसानों को व्यापारियों के भरोसे छोड़ देगी । इसके अलावा उन्होनें कहा कि सरकार भविष्य में एमएसपी को भी ख़त्म करने की योजना बना रही है । आंदोलन कर रहें किसानों का कहना है कि सरकार का यह बिल किसानों को बंधुआ मजदूरी की ओर ले जाएगा और वो इसका विरोध करते रहेंगे ।