Lucknow:- यूपी विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी का दंगल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. आलम ये है कि पार्टी अब पूरी तरह से दो खेमों में बंट चुकी है. एक तरफ मुलायम और शिवापल तो दूसरी तरफ अखिलेश के साथ रामगोपाल.
- दोनों ही गुट समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को अपना बनाना चाहते हैं. इसे लेकर दोनों खेमे से लोग चुनाव आयोग के पास जा चुकें हैं। समय कम होने के वजह से चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह को जब्त भी कर सकता है।
बहरहाल चुनाव चिन्ह का जब्त होना कोई नई बात नहीं है इसका सबसे बड़ा उदहारण हैं सत्रह साल पहले 1999 के लोकसभा चुनाव का है. उस वक्त जनता दल में टूट हुई थी.
दरअसल जनता दल का चुनाव चिन्ह चक्र हुआ करता था. शरद यादव, पासवान, देवगौड़ा एक साथ जनता दल में थे. वाजपेयी को समर्थन के सवाल पर जनता दल में फूट पड़ी. देवगौड़ा वाजपेयी को समर्थन के खिलाफ थे ते शरद यादव बीजेपी के समर्थन में थे. दोनों खेमे ने खुद को असली जनता दल बताया और चक्र पर दावा किया. मामला चुनाव आयोग पहुंचा और चक्र के साथ साथ नाम भी जब्त हो गया. शरद यादव के जेडीयू का तीर मिला तो देवगौड़ा के जीडीएस को महिला के सिर पर धान की बाली का चिन्ह मिला.
अब देखना दिलचस्प होगा की यहाँ पर चुनाव आयोग कौनसा कदम उठाता है, क्योंकि चुनाव के लिये अब समय भी कम बचे हैं।