कुछ दशकों पूर्व दुनिया की सबसे भयानक मानवीय त्रासदियों में से एक भोपाल गैस की दुर्घटना झेल चुके भारत में 7 मई को एक बार फिर से वैसा ही दृश्य देखने को मिला। विशाखापत्तनम स्थित एलजी पॉलीमर केमिकल प्लांट में सुबह – सुबह लीक हुए स्टायरीन गैस ने कई लोगों की जान ले ली ।
- दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हुई ।
- NGT ने एलजी पॉलीमर कंपनी पर 50 cr का जुर्माना लगाया है ।
इस गैस लीक ने आस पास के क्षेत्र के 5 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इसमें 12 लोगों की मौत हुई और इसके प्रभाव में आएं सैकड़ो लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा ।
जानकारों की माने तो इन मरीजों को भविष्य में कैंसर , त्वचा रोग और साँस की बीमारी जैसी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है । इस दुर्घटना के बाद NGT ने एलजी पॉलीमर कंन्पनी पर 50 cr का जुर्माना लगाया है । इस दुर्घटना के जाँच के आदेश भी दिए हैं जिसकी अगुआई देश के रिटायर्ड जज करेंगे ।
लेकिन जांच से भी आगे देश को इन दुर्घटनाओं के मूल कारण को जानने और सुलझाने की जरूरत है । पूरे देश में ऐसी दुर्घटनाओं के लगभग 130 बड़े तथा 1861 छोटे मामले देखने को मिलें हैं । इन मामलों के खिलाफ़ देश में भोपाल गैस लीक एक्ट 1985 , लोक दायित्व बिमा अधिनियम 1991 जैसे कई कानूनी प्रावधान हैं। लेकिन इनका सही रूप से क्रियान्वयन न होने के कारण देश में बार – बार ऐसी घटनाएं होती रहती हैं । वहीँ इससे प्रभावित लोगों को मिलने वाले मुआवजे व स्वास्थ्य सहायता में भी कई समस्याएं देखने को मिलती रहती हैं ।
इसलिए वर्तमान समय की जरूरत है कि फैक्ट्री तथा मशीनों के रखरखाव , नियम व कानून का क्रियान्वयन और अन्य सभी समस्याओं को भी जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश की जाए। जिससे भविष्य में ऐसी होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके ।