ELECTIONS:- ना है की पेड़ तभी मजबूत और ऊँचा जा सकता है जब उसका जड़ मजबूत होगा, अगर जड़ जी कमज़ोर हो जाये तो पेड़ का गिरना तय रहता है। ठीक इसी प्रकार आज कल भारतीय जनता पार्टी का हाल हो चूका है।

दरअसल भाजपा में अब कलह का दौर शुरू हो गया है, अभी 304 प्रत्याशियों की सूचि जारी हुई है और ऐसे में खुद पार्टी के कार्यकर्ता और नेता ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसका प्रमुख कारण टिकट वितरण को लेकर हो रहा है, दरअसल पार्टी ने उनको टिकट दिया जो कुछ दिन पहले भाजपा को गाली देते थे पुतला फुंकतें थे और आज भाजपा में शामिल होते हुए उनको टिकट मिल गया।

  • इसका एक उदाहरण कानपुर की बिठूर सीट से भाजपा ने जिसे टिकट दिया है उन्होंने विरोधी दल में रहते हुए बिल्कुल हाल में नोटबंदी के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया था. वहां के कार्यकर्ता ग़ुस्से में नारे लगाते हुए लखनऊ आ पहुंचे. उन्होंने पार्टी नेतृत्व से सवाल पूछा है कि क्या टिकट पाने के लिए प्रधानमंत्री का पुतला फूकना पड़ेगा?

इसके अलावा गोंडा में भाजपा के सयाने नेता महेश नारायण तिवारी पहले फूट-फूट कर रोए, फिर उन्होंने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया, आज़मगढ़ के पूर्व सांसद रमाकंत यादव ने ग़ुस्से में पार्टी से इस्तीफ़ा देकर अपने निर्दलीय प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया.

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बहरहाल टिकट वितरण को लेकर मची अफरातफरी को देखकर लगता है कि अगर भाजपा समय रहते हुए अगर इस पर विचार नहीं किया तो उसका यूपी जितने का सपना सपना रह जायेगा।