संसद:- नोटबंदी के एक महीने से ऊपर बीत जाने के बाद पहली बार संसदीय दल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण के दौरान सांसदो को चाणक्य नीति का पाठ पढ़ाया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के पिछले दस साल का इतिहास भी बता दिए।
- उन्होंने नामी संपत्ति को लेकर पीएम मोदी ने चाणक्य नीति के 15 वें अध्याय के छठे दोहे का जिक्र किया।
“करी अनीति धन जोरेऊ, दसे वर्ष ठहराए।
ग्यारवे के लागते, जड़ऊ मूलते जाए।।”
- हिंदी में इसका मतलब पाप से कमाया हुआ पैसा 10 साल तक रह सकता है। 11वें वर्ष लगते ही वह मूलधन के साथ नष्ट हो जाता है।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकार संप्रग के समय घोटाले होते थे और विपक्ष इसका विरोध करता था। लेकिन अभी की सरकार राजग ने कालाधन को समाप्त करने का मिशन आगे बढ़ाया है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।
इसके अलावा मोदी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार के पक्षधर के रूप में पेश करते हुए कहा कि उसने 1988 में बेनामी सम्पत्ति संबंधी कानून बनाया लेकिन इसके नियमों एवं नियमन को अधिसूचित नहीं किया ताकि इसे प्रभावी बनाया जा सकता। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे लिए देशहित सवोर्परि है और यह पार्टी हित से उपर है। कांग्रेस के लिए पार्टी का हित देश के हित से उपर है।
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