कानपुर आईआईटी:- आईआईटी में संस्कृत का कोर्स कॅरिकुलअम डिजाइन कर लिया गया है, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संस्कृत को विशेष महत्व दिया है। साथ ही कहा कि संस्कृत का धार्मिक, पौराणिक इतिहास पुराना है। तुलसी, नीम आदि पौधों से दवाएं बनाई जाती हैं। इसकी पढ़ाई, रिसर्च इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के तहत कराई जाएगी तो ऐतिहासिक नतीजे सामने आ सकते हैं
अब संस्थान में संस्कृत की पढ़ाई और रिसर्च होगी। इसी सिलसिले में पांच अक्तूबर को एकेडमिक सीनेट की मीटिंग भी बुलाई गई है। इसके जरिये आईआईटी कानपुर में पहली भारतीय भाषा की पढ़ाई पर मुहर लगाई जाएगी। अभी फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश और जापानी भाषा की पढ़ाई कराई जाती है।

ह्यूमानिटीज के तहत संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि जो आईआईटी संस्कृत की पढ़ाई, रिसर्च कराना चाहती हैं, उन्हें आर्थिक सहयोग मिलेगा। शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसी का नतीजा रहा कि आईआईटी कानपुर ने ह्यूमानिटीज के तहत संस्कृत की पढ़ाई, रिसर्च कराने का खाका तैयार कर लिया। यह कोर्स शैक्षिक सत्र 2017-18 से लांच हो सकता है।

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