नोटबंदी:- 8 नवम्बर के बाद नोटबंदी से हो रही लोगों को परेशानी के वजह से केंद्र सरकार पर लगातार विरोध किया जा रहा है।इन्ही कड़ी में आज पूर्व वित्त मंत्री पी.चिंदबरम ने भी नोेटबंदी के फैसले पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
- दरअसल कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में पूर्व वित्त मंत्री ने उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी पर मुहर के लिए कैबिनेट की बैठक नहीं बुलाई गई. चिदंबरम के मुताबिक सरकार के मंत्रियों को तब तक कैदियों की तरह बंद रखा गया जब तक पीएम ने इस फैसले का ऐलान नहीं किया.
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पि.चिदम्बरम ने लगाया ये आरोप:-
- नोटबंदी से रोजगार और वेतन कम होंगे, इस फैसले से ऑटोमोबाइल और टेक्स्टाइल सेक्टर पर विपरीत असर
- 80 फीसदी छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योग बंद होने का खतरा, रिजर्व बैंक पर नोटबंदी का फैसला थोपा गया.
- जिस मीटिंग में आरबीआई ने फैसले को मंजूरी दी उसमें बैंक के तीन में से सिर्फ दो डायरेक्टर मौजूद थे.
- मोदी सरकार ने आरबीआई को ‘छोटे विभाग’ में तब्दील करके रख दिया है.
- नोटबंदी से जीडीपी दर 2 फीसदी तक गिर सकती है. इस दर में 1 फीसदी गिरावट का मतलब है 1.5 लाख करोड़ का नुकसान।
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