शीला दीक्षित द्वारा दिये गये गठबंधन को लेकर बयान पर राजब्बर ने कहा…

यूपी चुनाव:- ​कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर लगाये जा रहे अटकलें को कांग्रेस नेता राजबब्बर ने एक बार फिर ख़ारिज कर दिया।

  • दरअसल प्रदेश अध्य्क्ष राज बब्बर ने सपा के गठबंधन और प्रत्याशियों की सूची पर बयान दिया है। और कहा कि वो सभी 40विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जिससे गठबंधन की गुंजाईश न के बराबार हो ।

गौरतलब है कि हाल ही में शीला दीक्षित ने गठबंधन की सूरत में कहा था वो अखिलेश यादव के लिए पीछे हट सकती है।

गठबंधन को लेकर जब राज बब्बर  से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सपा से गठबंधन के बारे में फिलहाल मुझे कोई जानकारी नहीं है। वहीं उन्होंने प्रत्याशियों की सूचि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस 403 सीटों पर चुनाव की तैयारी में जुटी है। प्रत्याशियों की लिस्ट का ऐलान 10 दिन में कर दिया जाएगा।

गोवा चुनाव से पहले भाजपा को लगा बड़ा झटका, टूटा गठबंधन…

गोवा चुनाव:- ​बुधवार(4 जनवरी) को चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीख तय कर दी जिसके बाद सभी पार्टीयों में एक कर्रेंट सा लग गया है, चाहे चुनाव प्रचार हो या गठबंधन की बात सारा फैसला जल्द से जल्द लेने लगे हैं।

  • इसी क्रम में चुनाव की तारीख आने के बाद  सबसे पहले भाजपा के लिये एक बुरी खबर आ गयी, दरअसल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने गोवा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से शुक्रवार को अपना गठबंधन तोड़ दिया। 

गौरतलब है कि (एमजीपी) के अध्यक्ष दीपक धवालिकर ने गुरुवार को मीडिया में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को लिखा एक पत्र जारी किया। इस पत्र में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन के तोड़ने की घोषणा की है। धवालिकर ने अपने पत्र में कहा कि चुनाव परिणामों के बाद भाजपाएमजीपी सरकार ने प्रशासन का कार्यभार संभाला और हमने कई मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद अपना सहयोग जारी रखा। मतभेदों के कारण हाल ही में एमजीपी विधायकों को कैबिनेट से निष्कासित कर दिया गया। 

आपको बता दें कि एमजीपी के मंत्रियों दीपक और सुदीन धवालिकर को मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने बीते महीने बर्खास्त कर दिया था। एमजीपी के दोनों मंत्रियों के खिलाफ मुख्यमंत्री के नेतृत्व की आलोचना के बाद यह कदम उठाया गया था। जिसके चलते दरार आना शुरू हो गया था अंततः 4 जनवरी को चुनाव की तारीख आने के बाद ये फैसला ले लिया गया।

Election polls:- इस जगह पर कांग्रेस को हटाके भाजपा कर सकता है बड़ा उलटफेर…

सर्वे:- ​बुधवार(4 जनवरी) को यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया। ऐसे में अब सर्वे का सिलसिला तेज़ होने लगा है, सारे न्यूज़ चैनल अपने अपने तरीकों से जनता का रुख जानने के लिये हरसंभव प्रयास करेंगे

वहीँ एबीपी न्यूज़-लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में कांग्रेस को झटका लग सकता है।

दरअसल सर्वे के मुताबिक 70 सीटों वाले उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता में आ सकती है। सर्वे के मुताबिक सूबे में बीजेपी को 35 से 43 सीटें मिल सकती हैं। यह सर्वे 5 से 12 दिसंबर के बीच किया गया है। उत्तराखंड में 15 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि नतीजे 11 मार्च को आएंगे।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में अभी कांग्रेस की सरकार है। सर्वे में सामने आया है कि कांग्रेस का प्रदर्शन फीका रह सकता है। बीजेपी को जहां 40 फीसदी वोटर्स का समर्थन हासिल हो सकता है, वहीं कांग्रेस के खाते में 33 प्रतिशत वोट आने का अनुमान है। जहां तक इलाकों में वर्चस्व की बात है, सर्वे के मुताबिक गढ़वाल और मैदानी इलाकों में बीजेपी का दबदबा है, वहीं कुमाऊं में कांग्रेस के दबदबे का अनुमान है।

बज गया चुनावी बिगुल, पढ़िये चुनाव के दौरान क्या रहेगा नियम-कानून…

​चुनावी बिगुल:- उत्तर प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच आज चुनाव आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है, पांचो राज्यों का चुनाव चार चरण में होगा।

पहला चरण: 11 फरवरी

दूसरा चरण: 67 सीटों पर, वोटिंग 15 फरवरी

तीसरा चरण: 69 सीटों में 19 फरवरी को वोटिंग

चौथा चरण: 23 फरवरी को वोटिंग

तारीखों के अलावा चुनाव आयोग ने क्या-क्या कहा पढ़ें…

  • -690 में से 133 सुरक्षित सीटों पर होगी वोटिंग
  • -सभी वोटरों को फोटो वोटर पर्ची दी जाएगी
  • -5 राज्यों में कुल 1 लाख 85 हजार पोलिंग बूथ बनाए गए हैं
  • -सभी राज्यों में ईवीएम लगा दी गई हैं
  • -वोटरों को रंगीन वोटर गाइड भी दिए जाएंगे
  • -गोवा में वोटर जान पाएंगे किसे वोट दिया
  • -ईवीएम पर नोटा विकल्प का भी इस्तेमाल कर सकते हैं वोटर
  • -कुछ जगहों पर महिलाओं के लिए अलग बूथ
  • -कई जगह ईवीएम मशीनों में उम्मीदवारों की फोटो भी होगी
  • -चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू
  • -उम्मीदवारों को बताना होगा कि उन पर कोई बकाया नहीं
  • -उम्मीदवारों को नो डिमांड सर्टीफिकेट देना होगा
  • -पार्टियां प्रचार में प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें
  • -रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक
  • -यूपी, पंजाब, उत्तराखंड में उम्मीदवार 28 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं
  • -मणिपुर और गोवा में उम्मीदवार 20 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं
  • -उम्मीदवार को फोटो देना होगा और बताना होगा कि विदेशी नहीं है
  • -20 हजार से ज्यादा का लेनदेन बैंक के जरिए किया जाए

‘आप’ का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, नोटबंदी के पैसे को यहाँ पर हुआ इस्तेमाल, दर्ज हो मुकदमा…

Varanasi:- नोटबंदी मामले में आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार को घेरने के लिये अब उनके ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सड़कों पर उतर गयी।

  • दरअसल आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को ‘चौराहे पर चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन करते हुए कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी से हुए मौतों के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार बताते हुए उन पर मुकदमा चलाने की मांग की।

कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा भ्रष्टाचारी, कालाबजारी, आंतकवाद सब पहले की तरह ही है। नोटबंदी का फायदा बीजेपी को हुआ, जिसने जमीन खरीदा, करोड़ों की बाइक खरीदी। इन सब मामलों पर पीएम चुप्पी साधे हुए हैं, जो बताती है कि यह आर्थिक नहीं चुनावी एजेंडा था।

गौरतलब है कि लहुराबीर चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में ‘आप’ ने पीएम मोदी से सवाल किया कि क्या नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर भारत विकास की पथ पर अग्रसर हो गया?, कितना कालाधन देश के खजाने में आया?, क्या भ्रष्टाचारियों पर नकेल लग गया? साथ ही पूछा कि लाईनों में लगे लोगों की मौत की जिम्मेदार कौन है?, व्यापार, मजदूरी सब कुछ चौपट हो गया है, इन सबका का जिम्मेदार कौन है? देश के प्रधानमंत्री इसका जवाब क्यों नहीं देते हैं?

ये आया बड़ा सर्वे, जानिये यूपी चुनाव में कौन है सबसे आगे…

सर्वे:- ​यूपी चुनाव में जहाँ एक तरफ नोट बंदी की मार वहीँ दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी में पारिवारिक लड़ाई के बाद पहली बार एबीपी न्यूज़ के द्वारा सर्वे किया गया है।

सर्वे में अखिलेश यादव पसंदीदा नेता बनकर उभरे हैं सीएम के तौर पर मायावती यूपी के लोगों की दूसरी पसंद बताई जा रही हैं। सर्वे में अखिलेश को 28, मायावती को 21, योगी आदित्‍यनाथ को 4 फीसदी और मुलायम को 3 प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंद बताया है। सर्वे में हिस्‍सा लेने वाले 34 फीसदी लोग सीएम अखिलेश से संतुष्‍ट हैं, वहीं 32 फीसदी ने पीएम मोदी के काम पर संतुष्टि जताई है।

  • 75 फीसदी यादव वोटर सपा के साथ है। 
  • जबकि बीएसपी के साथ 4, भाजपा के साथ 14 और कांग्रेस के साथ 5 फीसदी यादव वोटर हैं। 
  • 54 फीसदी मुस्लिम सपा के साथ हैं, जबकि बसपा के साथ 14 प्रतिशत वोटर हैं। 9 फीसदी ने भाजपा को वोट देने की बात कही और 7 ने कांग्रेस का साथ देने को कहा।
  •  12 फीसदी सवर्ण वोटर सपा, 8 फीसदी बसपा, 55 फीसदी भाजपा , 10 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं।
  • 56 फीसदी अन्‍य दलित बीएसपी, 16 फीसदी सपा, 13 फीसदी भाजपा तथा 11 प्रतिशत कांग्रेस के साथ हैं। 
  • जाटव में 7 फीसदी, बीएसपी 74 फीसदी, भाजपा 8 फीसदी और कांग्रेस को 4 फीसदी ने वोट देने की बात कही।

वहीँ इसके अलावा सर्वे के अनुसार अगर समाजवादी पार्टी बिखर जाती है और यादव कुनबा अलग-अलग चुनाव लड़ता है, तो बीजेपी 158-168 सीटें जीतने में कामयाब रहेगी. अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी 82-89 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर खिसक जाएगी, जबकि दूसरे नंबर पर बीएसपी आ जाएगी, जो 110-120 सीटें जीतने में कामयाब रहेगी. मुलायम के नेतृत्व वाली पार्टी को 9-15 सीटें ही मिलेंगी.

पढ़िये इससे पहले किसका और कब जब्त हुआ था चुनाव चिन्ह..??

Lucknow:- ​यूपी विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी का दंगल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. आलम ये है कि पार्टी अब पूरी तरह से दो खेमों में बंट चुकी है. एक तरफ मुलायम और शिवापल तो दूसरी तरफ अखिलेश के साथ रामगोपाल.

  • दोनों ही गुट समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को अपना बनाना चाहते हैं. इसे लेकर दोनों खेमे से लोग चुनाव आयोग के पास जा चुकें हैं। समय कम होने के वजह से चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह को जब्त भी कर सकता है।

बहरहाल चुनाव चिन्ह का जब्त होना कोई नई बात नहीं है इसका सबसे बड़ा उदहारण हैं सत्रह साल पहले 1999 के लोकसभा चुनाव का है. उस वक्त जनता दल में टूट हुई थी.

दरअसल जनता दल का चुनाव चिन्ह चक्र हुआ करता था. शरद यादव, पासवान, देवगौड़ा एक साथ जनता दल में थे. वाजपेयी को समर्थन के सवाल पर जनता दल में फूट पड़ी. देवगौड़ा वाजपेयी को समर्थन के खिलाफ थे ते शरद यादव बीजेपी के समर्थन में थे. दोनों खेमे ने खुद को असली जनता दल बताया और चक्र पर दावा किया. मामला चुनाव आयोग पहुंचा और चक्र के साथ साथ नाम भी जब्त हो गया. शरद यादव के जेडीयू का तीर मिला तो देवगौड़ा के जीडीएस को महिला के सिर पर धान की बाली का चिन्ह मिला.

अब देखना दिलचस्प होगा की यहाँ पर  चुनाव आयोग कौनसा कदम उठाता है, क्योंकि चुनाव के लिये अब समय भी कम बचे हैं।

पढ़िये लखनऊ रैली में उमड़ी जनसैलाब पर पीएम मोदी ने क्या कहा…

Lucknow:- लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में हुई भाजपा की परिवर्तन रैली में अब तक की सबसे बड़ा जनसैलाब देखने को मिला।

  • इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने भाषण की शुरुआत में खुद में कई वर्ष से राजनीत‌ि से जुड़ा बताते हुए उमड़े जनसैलाब पर हैरानी जताई

इसके साथ ही उन्होंने कहा…

  • राजस्थान में गवर्नर के रूप में सेवा कर रहे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ये नजारा देख रहे होंगे तो आशीर्वाद दे रहे होंगे।
  • उन्होंने कहा कि हवा का रुख साफ-साफ नजर आ रहा है। पॉलिटिकल पंडितों को अब मेहनत नहीं करना पड़ेगा यूपी का चुनाव किस दिशा में जाएगा
  • पीएम ने कहा कि हम चाहते हैं कि हिंदुस्तान आगे बढ़े, गरीबी, निरक्षरता और बीमारियां मिटें। यह सपना तब तक पूरा नहीं होगा जब तक उत्तर प्रदेश से ये कठिनाइयां दूर नहीं होतीं। 
  • हिंदुस्तान का भाग्य बदलने के लिए पहली शर्त है कि हमें उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलना पड़ेगा। इसीलिए प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाना लाजमी है।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की समझदार जनता जात-पात का प्रभाव और अपने-पराए का खेल बहुत सहन कर चुकी है। एक बार अपने-पराए और जात-पात से उठकर सिर्फ उत्तर प्रदेश के विकास के लिये वोट करिए और देखिए कि यूपी बदलता है या नहीं।

अखिलेश को पार्टी से निकालने के बाद अमर सिंह का आया बड़ा बयान…

Lucknow:- ​समाजवादी पार्टी में चल रही परिवारवाद की लड़ाई अब और गहरा होता चला जा रहा है। अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से निकालने के बाद राज्य सभा सांसद अमर सिंह का ऐसा बयान आया की खलबली मच गयी

दरअसल शनिवार (31 दिसंबर) को अमर सिंह ने कहा, आज तो कुछ ऐसा लग रहा है कि राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा, बेटा करेगा राज बेचारा बाप जंगल को जाएगा।’ इसके अलावा अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश ने पार्टी की अवमानना की है और उसकी सजा के रूप में ही उन्हें पार्टी से निकाला गया है। अमर सिंह ने कहा कि उनका पूरा समर्थन मुलायम सिंह यादव के साथ है। अमर सिंह फिलहाल लंदन में हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही वापस आएंगे।

गौरतलब है कि शुक्रवार (30 दिसंबर) को समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया। अखिलेश यादव के साथ मुलायम ने अपने भाई राम गोपाल यादव को भी 6 साल के लिए पार्टी से निकाला।

बड़ी खबर:- तो अखिलेश यादव को पार्टी से निकालने की यह थी बड़ी वजह…

Lucknow:- यूपी में समाजवादी पार्टी के कुनबे में चल रही कलह ने बड़ा रूप ले लिया है जिसमे अब  मुलायम सिंह यादव ने उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को छह साल के लिए समाजवादी पार्टी से निकाल दिया है।

सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव और रामगोपाल को पार्टी से निकालने का कारण पार्टी में अनुशासनहीनता करने पर पार्टी से बाहर कर  दिया गया। इसपर मुलायम सिंह भी  ने पत्रकारों को बताया कि अनुशासनहीनता के चलते यह कार्रवाई की गई है। उन्‍होंने कहा कि पार्टी अध्‍यक्ष के अलावा और कोई भी सूची जारी नहीं सकता और ना ही पार्टी की बैठक बुला सकता है। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव पर गुटबाजी करने का आरोप लगाया मुलायम बोले कि रामगोपाल ने सीएम को गुटबाजी में फंसाया।

गौरतलब है की मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी  से निष्काषित करने के आधा घंटे पहले नोटिस जारी कर जवाब माँगा था, लेकिन आधे घंटे के अन्दर ही बिना जवाब मिले उस पर कार्यवाई कर दिए।