जन वेदना सम्मेलन में बरसे राहुल गाँधी, एक क्लिक में पढ़े पूरी खबर…

​कांग्रेस:- नये साल के एक दिन पहले ही छुट्टी बिताने निकल पड़े कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी इस साल का अपना पहला भाषण दिए।

  • जन वेदना सम्मेलन में पहुंचे राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि ढाई साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि हिन्दुस्तान को स्वच्छ बना दूंगा। सभी को झाड़ू भी पकड़ाया, फैशन था, तीन-चार दिन चला, खुद भी झाड़ू पकड़ा, फिर भूल गए।

 

इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जिन्हें योग नहीं आता उन्हें पद्मायन नहीं कर चाहिए। साथ ही बाबा रामेदव पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी के फैसले की सभी अर्थशास्त्रियों ने निंदा कीलेकिन इस सरकार के पास अपना होममेड अर्थशास्त्री हैं। इस सरकार के अर्थशास्त्री रामदेव हैं।

पीएम मोदी का नोटबंदी का फैसला पूरी तरह अपरिपक्व फैसला था। नोटबंदी की वजह से कई लोगों की नौकरी चली गई। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी के फैसले ने देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ दी।

नोटबंदी:- पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने मोदी सरकार पर लगाया ये पांच बड़ा आरोप…

नोटबंदी:- ​8 नवम्बर के बाद नोटबंदी से हो रही लोगों को परेशानी के वजह से केंद्र सरकार पर लगातार विरोध किया जा रहा है।इन्ही कड़ी में आज पूर्व वित्त मंत्री पी.चिंदबरम ने भी नोेटबंदी के फैसले पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

  • दरअसल कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में पूर्व वित्त मंत्री ने उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी पर मुहर के लिए कैबिनेट की बैठक नहीं बुलाई गई. चिदंबरम के मुताबिक सरकार के मंत्रियों को तब तक कैदियों की तरह बंद रखा गया जब तक पीएम ने इस फैसले का ऐलान नहीं किया.

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पि.चिदम्बरम ने लगाया ये आरोप:-

  1. नोटबंदी से रोजगार और वेतन कम होंगे, इस फैसले से ऑटोमोबाइल और टेक्स्टाइल सेक्टर पर विपरीत असर
  2. 80 फीसदी छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योग बंद होने का खतरा, रिजर्व बैंक पर नोटबंदी का फैसला थोपा गया.
  3. जिस मीटिंग में आरबीआई ने फैसले को मंजूरी दी उसमें बैंक के तीन में से सिर्फ दो डायरेक्टर मौजूद थे.
  4. मोदी सरकार ने आरबीआई को ‘छोटे विभाग’ में तब्दील करके रख दिया है.
  5. नोटबंदी से जीडीपी दर 2 फीसदी तक गिर सकती है. इस दर में 1 फीसदी गिरावट का मतलब है 1.5 लाख करोड़ का नुकसान।

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यूपी चुनाव:- गठबंधन को लेकर आई बड़ी खबर, प्रियंका ने कहा…

गठबंधन:- यूपी चुनाव गठबंधन को लेकर चर्चा जोरों से है, लगातार ये अटकलें लगाये जा रहे की गठबंधन होगा या नहीं। इन्ही बीच कल (मंगलवार) को पुरे दिन मीडिया में ये चर्चा बना रहा की प्रियंका गांधी वाड्रा और सपा सांसद व अखिलेश यादव की पत्नी दोनों मिलकर गठबंधन की बात करने वाली हैं।

दरअसल इन दोनों महिलाओं के मुलाकात से ऐसा माना गया कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर वाकई में अहम भूमिका निभा सकती है। और आखिरकार प्रियंका गांधी ने इसकी तस्वीर साफ कर दी। बतादें प्रियंका गांधी वाड्रा ने दफ्तर से इस तरह की किसी भी खबर से इनकार किया है। प्रियंका गांधी के ऑफिस ने बताया है कि प्रियंका गांधी न तो अभी तक डिंपल यादव से मिलीं हैं और न ही उनका इस तरह का कोई प्लान है

सपा-कांग्रेस में गठबंधन को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं। हालांकि दोनों पार्टियों के कई नेताओं ने कहा है कि गठबंधन नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस की सीएम फेस शीला दीक्षित ने गठबंधन होने की स्थिति में अखिलेश के लिए पीछे हटने का ऐलान भी कर चुकी है।

यूपी चुनाव:- ओवैसी ने चली ये बड़ी चाल, जिससे विपक्ष पार्टी सदमे में…

UPelection:- यूपी चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे इसका रोमांच और बढ़ता चला जा रहा है। चुनावी रण में अब ओवैसी ने ऐसा चाल चला है जिससे विपक्षी पार्टियों को भारी नुकसान हो सकता है।

दरअसल यूपी चुनाव में अपना खाता खोलने के लिए तैयार ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इण्‍डिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) ने अपने 11 उम्‍मीदवारों की सूची जारी कर दी है। बता दें कि एआईएमआईएम का दमखम प्रदेश बेशक अन्य दलों के मुकाबले ज़्यादा न हो लेकिन इससे अन्य दलों का खेल बदल गया है। इन सभी 1सीटों पर मुस्लिम वोटरों की भूमिका अहम है। 

  • ओवैसी को उम्मीदवार उतारने से सपा, बसपा और कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है वही दूसरी तरफ आईएमआईएम की इस सूची आने से भाजपा खेमा खुश है।

इसके पीछे दो वजह हैं। पहले जिन सीटों पर एआईएमआईएम ने अपने उम्मीदवार घोषित किया हैं वहाँ अधिकतर सपा और बसपा के विधायक है। कुल तीन सीटों पर भाजपा विधायक हैं और वहाँ भी दुसरे नंबर पर भी उम्मीदवार बसपा सपा या कांग्रेस के हैं। दूसरी वजह ये है कि दरअसल इन 11 सीटों पर मुस्लिम वोट बैंक अधिक है और एआईएमआईएम की सूची में सभी उम्मीदवार मुस्लिम ही हैं।

 

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की ये बड़ी मांग, मोदी को…

​ELECTION:- चुनाव तारीख सर पर आ गया है ऐसे में चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है इन्ही को देखते हुए अब कांग्रेस ने चुनाव आयोग से बड़ी मांग कर दी है।

  • दरअसल कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग से पांच राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी के पोस्‍टर हटाए जाने की मांग की। कांग्रेस सचिव और कानून एवं मानवाधिकार विभाग के प्रमुख के.सीमित्‍तल ने चुनाव आयोग को लिखी शिकायत में इसे लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा, आयोग से अनुरोध किया जाता है कि वह इन राज्‍यों में पेट्रोल पंपों व अन्‍य किसी भी स्‍थान से प्रधानमंत्री नरेंद्र की होर्डिंग्‍स, केंद्र सरकार या विभागों के किसी भी विज्ञापन, बैनर से उनकी तस्‍वीर हटवाने का आदेश दे।” मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त नसीम जैदी और अन्‍य चुनाव आयुक्‍तों को लिखे पत्र में, मित्‍तल ने कहा कि आयोग ने चुनावी राज्‍यों में मुख्‍यमंत्रियों की तस्‍वीर वाले पोस्‍टर हटवाए हैं। ऐसा ही प्रधानमंत्री की तस्‍वीर के साथ भी किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि 4 जनवरी को चुनाव आयोग ने चुनाव तारीख के साथ आचार संहिता भी लगा दिया था।

नोटबंदी के बाद भाजपा की यहाँ पर हुई लगातार पाँचवी बड़ी जीत…

​निकाय चुनाव:- नोट बंदी के बाद से जहाँ एक तरफ विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि चुनाव में भाजपा बुरी तरह हारेगी, लेकिन नतीजा इसका उल्टा ही आ रहा है। एक के बाद एक पांच जगहों पर भाजपा निकाय चुनावों में पांचवी बड़ी जीत दर्ज कर ली है।

दरअसल इस बार भाजपा ने हरियाणा में फरीदाबाद नगर निगम और भिवानी नगर परिषद के चुनावों में जोरदार जीत दर्ज की है। पार्टी ने फरीदाबाद में 40 में से 30 सीटों पर कब्‍जा जमाया। कांग्रेस यहां पर एक भी सीट नहीं जीत पाई। 10 सीटों पर निर्दलीय उम्‍मीवार विजयी रहे हैं। यहां पर पहली बार भाजपा का मेयर बनने जा रहा है। चुनाव में केंद्रीय मंत्री कृष्‍णपाल सिंह गुर्जर के बेटे भी खड़े हुए थे। उन्‍होंने नौ हजार वोट से जीत दर्ज की है। चुनावों के दौरान बसपा ने भी उम्‍मीदवार उतारे थे। पिछली बार उसके तीन पार्षद बने थे लेकिन इस बार उसे एक भी सीट नहीं मिली। चुनावों के दौरान बसपा और निर्दलीयों ने नोटबंदी का मुद्दा उठाया था। फरीदाबाद में 8 जनवरी को निकाय चुनाव हुए थे। वहीं भिवानी में भाजपा ने सिंबल दिए बिना प्रत्‍याशी मैदान में उतारे। इसके चलते उसे फायदा हुआ और उसने 31 में से 18 वार्ड जीते। कांग्रेस को केवल एक और इनेलो को दो सीटों से संतोष करना पड़ा।

 

भाजपा ने  यहां से पहले गुजरात, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और मध्य प्रदेश में भी निकाय चुनाव फतेह किए थे। इसमें बड़ी बात यह भी है कि सभी निकाय चुनावों में भाजप की जीत का अंतर बड़ा रहा है। कांग्रेस के लिए कहीं से भी अच्‍छी खबर नहीं मिली। हालांकि यह भी एक तथ्‍य है कि जिन भी राज्‍यों में निकाय चुनाव हुए हैं वहां पर भाजपा का राज है।

बिहार का ये कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड में कांग्रेस को दिलायेगा जीत…

Election:- चुनाव की तारीख सर पर है ऐसे में हर एक पार्टी पूरा हथकंडा अपनाने में लगी हुई है। इन्ही बीच कांग्रेस भी उत्तराखण्ड चुनाव के लिये फिरसे अपने पुराने सलाहकार को बुला लिया है।

दरअसल चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए लगाया है कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड में पार्टी मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी ने कहा कि किशोर पहाड़ी राज्य में पार्टी की मदद करेंगे जहां 15 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है। उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य में चुनाव प्रचार के लिए बहुत कम वक्त बचा है इसलिए किशोर उत्तराखंड में पार्टी के प्रचार के लिए और राज्य के कांग्रेस नेताओं के साथ तालमेल से काम करेंगे।

आपको बता दें प्रशांत किशोर( पीके) उत्तरप्रदेश और पंजाब के बाद यह तीसरा राज्य है जहां वह पार्टी के लिए काम करेंगे।

साक्षी महाराज के बयान पर डीएम चन्द्रकला ने उठाया ये सख़्त कदम…

मेरठ:- ​भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा दिए गए मुस्लिम महिलाओं पर विवादित बयान के बाद अब जिले की जिलाधिकारी बी.चन्द्रकला जो हमेशा से ही अपने सख्त तेवर और कड़े फैसलों की वजह से जनता से लेकर अधिकारियों तक चर्चा का विषय बनी रहती है। उन्होंने सांसद साक्षी महाराज के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

जिलाधिकारी चन्द्रकला ने मामले की गंभीरता को समझा और उन्होंने फौरन एडीएम सिटी को संत समागम में साक्षी महाराज के बयान की जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि साक्षी महाराज ने कोई भी विवादित बयान दिया हैतो उनके खिलाफ नियम तहत कानूनी कार्रवाई जरूर की जाएगी।

गौरतलब है कि मेरठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जनसँख्या बढ़ोत्तरी उस समुदाय के वजह से जहाँ 4 पत्नी रखी जाती है और 40 बच्चे पैदे किये जाते है। हालाँकि उन्होंने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, ‘जनसंख्या बढ़ रही है, जमीन कम है। मैंने केवल कहा था कि महिलाएं मशीन नहीं है।

सिर्फ इस फिल्म से पीछे है ‘दंगल’ पछाड़ी तो बन जायेगी सबसे बड़ी फिल्म…

दंगल:- बॉलीवुड की अबतक की सबसे बड़ी फ़िल्म बनने जा रही ‘दंगल’ अब सिर्फ एक कदम दूर है। आमिर की फ़िल्म ‘दंगल’ सलमान की बजरंगी भाईजान’ को पीछे छोड़ती हुई अब सिर्फ अपने ही फिल्म पीके से पीछे है।

दरअसल दंगल की कुल कमाई अब तक 321 करोड़ हो चुकी है, वहीं इससे ज्यादा सिर्फ पीके 339 करोड़ के साथ सबसे ऊपर है जिससे दंगल सिर्फ महज 18 करोड़ पीछे है।

वहीं दूसरी तरफ सलमान खान की सुल्तान जो क़ि 2016 की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म थी उसे भी पछाड़ दिया है।

बता दें कि बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन से ही इस फिल्म को बेहतरीन रिस्पांस मिल रहा है। फिल्म हर दिन एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है।

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने एक बार फिर जनसंख्या बढ़ोत्तरी पर दिया विवादित बयान…

मेरठ:- अपने विवादित बयान से जाने जाने वाले मशहूर सांसद साक्षी महाराज ने एक बार फिर जनसँख्या बढ़ोतरी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दे दिया।

दरअसल मेरठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के विवादित सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि जनसंख्या में बढ़ोतरी उस समुदाय के वजह से हो रही है, जिसमें चार पत्नियां रखी जाती हैं और 40 बच्चे पैदा किए जाते हैं। सीधे तौर पर मुस्लिमों का नाम नहीं लेते हुए उन्होंने कहा, जनसंख्या में बढ़ोतरी हिंदुओं की वजह से नहीं हो रही है। यह उस समुदाय की वजह से हो रही है, जिसमें चार पत्नियां रखना और 40 बच्चे पैदा कर सकते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘माताएं केवल बच्चे पैदा करने की मशीनें नहीं हैं, हिंदू हो या मुस्लिम सभी माताओं का सम्मान किया जाना चाहिए।’

  • आपको बता दें की कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ़तौर पर आदेश दिया था कि धर्म और जाती के आधार पर वोट नहीं मांगे जायेंगे लेकिन उनका यह बयान साफतौर पर सुप्रीम कोर्ट के उस नियम का उल्लंघन है। इसपर कांग्रेस के नेता केसी मित्तल ने कहा, ‘जाति और धर्म पर आधारित साक्षी महाराज का भाषण भड़काऊ है। यह एमसीसी और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का उल्लंघन है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी इसके खिलाफ चुनाव आयोग जाएगी।

हालाँकि उन्होंने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, ‘जनसंख्या बढ़ रही है, जमीन कम है। मैंने केवल कहा था कि महिलाएं मशीन नहीं है। ऐसे में चार पत्नियां रखना, 40 बच्चे पैदा करना और तीन तलाक स्वीकार्य नहीं हैं।’ गौरतलब है कि यूपी में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव हैं। वहां पर अभी आचार संहित लगी हुई है।