Samacharup – पाकिस्तान प्राधानमंत्री के सपथ समारोह में शिरकत करने पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू बुरी तरह से आलोचनाएं झेल रहे हैं. विपक्ष सिद्धू को खरी खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. यहां तक की मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के कानपुर में सिद्धू के खिलाफ देशद्रोह के मामले भी दर्ज हो चुके हैं.
पाकिस्तान से लौटने के बाद सिद्धू ने दिया जवाब
विपक्ष की तरफ से लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा कि मेरा पाकिस्तान जाना कोई राजनीतिक दौरा नहीं था बल्कि यह एक दोस्त का निमंत्रण था. जिसका सम्मान मैंने रखा, इसकी आलोचना गलत है. उन्होंने कहा कि शांति के पैगाम पहले भी होते रहे हैं. मोदी जी भी अचानक लाहौर चले गए थे.
इसके अलावा उन्होंने 2014 में अपने प्रधानमंत्री शपथ के दौरान भी नवाज शरीफ को बुलाया था. अटल जी भी दोस्ती का बस लेकर लाहौर गए थे. सिद्धू ने इस मामले में खुद की आलोचना पर दुख जताते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान रिश्ते अगर मजबूत होंगे तो यह साउथ एशिया के लिए बहुत बड़ी उम्मीद होगी.
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सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर विपक्ष का बयान
सिद्धू के पाकिस्तान जाने और पाकिस्तान सेना प्रमुख के गले मिलने को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रही है. भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने हमला बोलते हुए कहा , राहुल गांधी के नेताओं को पाकिस्तान जाकर ऐसा क्या मिल जाता है. कांग्रेस के लिए हमारे सेना प्रमुख सड़क के गुंडे और पाकिस्तान के सेना प्रमुख सोणे दे मुंडे.
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सिद्धू मामले पर इमरान खान ने क्या कहा
वहीं इस मामले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिद्धू को भारत का शांतिदूत कहा है, और खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इसकी आलोचना गलत है.