उत्तर प्रदेश:- गोरखपुर उत्तर प्रदेश का वह जिला जहाँ से प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी आते हैं. सूबे के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र होने से इतना तो मान लिया जाता है यहाँ सभी सुविधा और कामकाज होना लाजमी है. लेकिन जिस लापरवाही के कारण गोरखपुर अस्पताल में 63 बच्चों की मौत हुई है उससे पूरा देश सहम सा गया है.
इसको लापरवाही नहीं तो और क्या कह सकतें हैं क्योंकि ठीक दो दिन पहले ( 9 अगस्त को ) मुख्यमंत्री ने हॉस्पिटल का निरक्षण किया था. फिर भी वहाँ कोई ऑक्सीजन जैसा मुद्दा नहीं उठाया गया. उसके दो दिन बाद जब मासूमों की जान जाने लगी तो वजह ऑक्सीजन सप्लाई का सामने आया.
हुआ ये खुलासा :-
इसी बीच हिंदुस्तान टाइम्स ने एक बड़ा खुलासा किया है. एचटी के मुताबिक ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स का अस्पताल पर कुल बकाया 68,58, 596 रुपये था। पैसे का भुगतान नहीं होने पर कंपनी ने सप्लाई रोकने की चेतावनी दी थी। ( ये भी पढ़ें- दर्दनाक:- बेटे के इंतेजार में फ्लैट से माँ का मिला सड़ा हुआ कंकाल…)
एचटी मीडिया से बात करते हुए सप्लायर कंपनी पुष्पा सेल्स के दीपांकर शर्मा ने बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से पहले ही बकाये का राशि का भुगतान करने और 10 लाख से ज्यादा की राशि बकाया होने पर ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की बात बता दी थी। उन्होंने बताया कि इस बात का उल्लेख एग्रीमेंट में भी है। जब ऑक्सीजन की कमी से बच्चे मरने लगे तब परेशान डॉक्टरों ने उन्हें कई बार फोन किए और ऑक्सीजन सप्लाई बहाल करने को कहा। ( ये भी पढ़ें –(चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामले में राहुल गाँधी का बड़ा बयान, “बीजेपी सरकार दोषियों को…!”)
इसके एवज में असपताल उन्हें 22 लाख रुपये का भुगतान करने की प्रकिया शुरू की। हालांकि, शर्मा ने तब लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई करने की कोशिश की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। पिछले साल अप्रैल में भी कंपनी ने ऑक्सीजन सप्लाई रोकी थी लेकिन तब ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ था और समय रहते मामले को सुलझा लिया गया था।
बता दें की बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों की मौत की सरकार ने मेजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
सोर्स- जनसत्ता