उत्तर प्रदेश:- बाबरी केस का मामला अब नया मोड़ ले सकता है. दरसल एक बड़ी खबर ये आ रही है की पूर्व भाजपा सांसद राम विलास वेदंती समेत पांच और लोग लखनऊ की स्पेशल CBI कोर्ट में (शनिवार) को सरेंडर किया. पूर्व बीजेपी सांसद वेदंती ने अप्रैल में कहा था कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस में लाल कृष्ण आडवाणी का कोई रोल नहीं था। वेदांती के अलावा चम्पत राय, बीएल शर्मा, महंत नित्य गोपाल दास, और धरम दास शामिल हैं.
बता दें की वेदंती उन 13 लोगों में शामिल थे जिनपर सीबीआई ने बाबरी मस्जिद गिराने का आरोप लगाया था। 16वीं शताब्दी की उस मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को गिराया गया था। इससे पहले अप्रैल में एक बयान पर वेदंती ने कहा था की बाबरी मस्जिद उन्होंने गिराया है. मीडिया से बात करते हुए वेदंती ने कहा था, ‘आडवाणी का बाबरी मस्जिद में कोई रोल नहीं था। मैंने उसको नीचे गिराया था।’
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गौरतलब है की 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी केस पर फैसला दिया था. कोर्ट ने कहा था कि एक महीने के अन्दर मामले की सुनवाई शुरू कर इसे जल्द निपटाए. कोर्ट ने जिन लोगों पर मुकदमा चलाया था उनमे उनमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता भी शामिल हैं.
भाजपा के पूर्व सांसद वेदंती को सरेंडर करने से बाबरी मस्जिद को लेकर अब राजनीति एक नया मोड़ ले सकता है, हालंकि अभी इसपर कोर्ट का क्या फैसला करता है ये तो आने वाला वक़्त बताएगा. बहरहाल विपक्ष को एक बार फिर एक मुद्दा मिल गया है जिससे भाजपा के खिलाफ अपनाया जा सके. देखना दिलचस्प होगा भाजपा इसको कैसे लोगों के सामने लाती है.
क्या था बाबरी मामला..?
बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को कारसेवा के दौरान राम मंदिर आन्दोलन से जुड़े संगठनों ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी. संगठनों का आरोप है कि राम जन्म भूमि की जगह पर बाबरी का निर्माण कराया गया था. ये मामला कई सालों से कोर्ट में लंबित है.