मध्य प्रदेश:- अगले साल 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव होने है, ऐसे मे चुनाव जीतने के लिए सभी दल पुरजोर कोशिश में लग गए है। जहाँ भाजपा अपने कामो को बढ़ाने में लगी हुई है तो वही कांग्रेस के लिये ये चुनौती से कम नही होगा।
इसी को मद्देनजर देखते हुए इस बार कांग्रेस पार्टी बाद फेरबदल कर सकती है। दरअसल कांग्रेस अपनी राजनीतिक बदहाली को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे उन बड़े राज्यों में पार्टी की वापसी के लिए जोर लगाने की कोशिश करेगी जहां बीते दस-बीस सालों से वह सत्ता से बाहर है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है ऐसे में कांग्रेस की तरफ से तीन बड़े चेहरा जो सामने आ रहा है वो दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच अंदर आपसी खींचातानी मची हुई है।
गुजरात के बाद मध्यप्रदेश इस क्रम में पार्टी की प्राथमिकता सूची में है जहां एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सूबे की कमान सौंपने की चर्चा गरमाने लगी है। पर सबसे बड़ा सवाल फिर से खड़ा है-क्या इस बार प्रदेश के बड़े चेहरे अपना प्रभुत्व छोड़कर पार्टी के हित के लिए तैयार होंगे? या फिर क्या नेतृत्व स्वतंत्र फैसला लेने की हिम्मत दिखा पाएगा?
- पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश के मौजूदा प्रदेश नेतृत्व के सहारे शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को चुनौती नहीं दी जा सकती इस बात का हाईकमान को भी अहसास है। इसीलिए उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों और दिल्ली के निगम चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस नेतृत्व मध्यप्रदेश की कमान दमदार चेहरे को सौंपने पर गंभीर है। मगर हाईकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती मध्यप्रदेश के कांग्रेसी दिग्गजों दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य के बीच आपसी अंदरुनी खींचतान मचा हुआ है।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले कुछ दिनों में अगर तीनो नेताओं के आपसी सहमति से बात बनी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान सौंपा जा सकता है या नही.?
Yes sindhiya ji ko jimmadari do
Abki bar scindia sarkar
Congress party sarkar isbaar
[…] evm मशीन दीजिये, मदर बोर्ड बदलने में 90 सेकंड लगते […]