क्रिप्टोकरंसी घोटाला के नाम पर निवेशकों से लाखों -करोरों की ठगी करने का एक और मामला सामने आया है। जिसमें सैकड़ों निर्दोष निवेशकों के करोड़ों रुपए डूब गए। निवेशकों द्वारा दिये गए सबूतों के अनुसार, ड्रामचा कॉइन घोटाले में भारत और दुबई के कई निवेशकों का पैसा डूबा है। ड्रामचा कॉइन में निवेश करने वाले एक निवेशक के अनुसार घोटाले के मास्टर माइंड मनीष बंसल, देबाशीष पटनायक, अमित कुमार वैश्य, हरेंद्र प्रताप सिंह और विवेक कुमार है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कंपनी से जुड़े लोगों ने नवंबर 2017 में भारत और दुबई में रह रहे कई निवेशकों से संपर्क किया और निवेशकों को भारी मुनाफे का लालच देते हुए अपने नए क्रिप्टोक्यूरेंसी ड्रामचा कॉइन में निवेश करने का ऑफर दिया। जिसका नाम बदलकर बाद में उन्होंने डी कॉइन कर दिया। क्रिप्टो कर्रेंसी का लॉन्च इवेंट 14 दिसंबर 2017 को कंबोडिया में आयोजित किया गया। जिसमें लगभग 250 निवेशकों ने भाग लिया था। कंपनी ने अकेले दुबई के निवेशकों से करोड़ों रुपये जुटा लिए। कंपनी द्वारा निवेशकों से जुड़े रहने के लिए बनाए गए उनके टेलीग्राम ग्रुप में दुनियाभर के 1500 से अधिक निवेशकों को जोड़ा गया था। जिससे निवेशकों की संख्या के हिसाब से घोटाले की रकम सैकड़ो करोड़ तक पहुंचती दिखती है।
कंपनी द्वारा इस्तेमाल की गई वेबसाइट का स्क्रीनशॉट (www.drachmacoin.io)
मिली के अनुसार, देबाशीष पटनाइक कंबोडिया स्थित डी एंड डी ग्रुप के चैयरमैन है। वहीं अन्य आरोपियों में मनीष, अमित, हरेंद्र और विवेक पर भी निवेशकों को धोखा देने का कथित रूप से आरोप है। समूह पर कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला कारोबार में भी शामिल होने के आरोप हैं।
अमित कुमार वैश्य और हरेंद्र प्रताप सिंह 500 करोड़ रुपये के एक अन्य क्रिप्टोकरंसी, मनी ट्रेड कॉइन (एमटीसी) घोटाले का हिस्सा थे। जिसका पिछले साल महाराष्ट्र पुलिस ने भंडाफोड़ किया था।
पीड़ित सुनील ने एमटीसी कॉइन के मामले में बताया कि, “अगस्त 2017 में अमित और हरेन्द्र ने मुझे एमटीसी कॉइन में निवेश करने का प्रस्ताव दिया। उस समय अल्विन प्रभाकर नाम का एक अन्य व्यक्ति भी उनके साथ था जो कि प्रेजेंटेशन दे रहा था। एमटीसी कॉइन में निवेश करने के प्रस्ताव के साथ वह लोग मुझसे अमबेस्डर होटल, बुर दुबई और मेरे कार्यालय में कई बार मिले। यहां तक कि अल्विन ड्रामचा घोटाले में भी शामिल है और वह कंबोडिया में हुए लॉंच इवेंट का नेत्रत्व कर रहा था। हालांकि अल्विन ने मुझसे ड्रामचा के लिए कभी संपर्क नही किया।”
कंपनी पर आरोप है कि उसने पिछले घोटाले की तर्ज पर ड्रामचा कॉइन को लॉंच करके निवेशकों को भारी रिटर्न और बोनस का लालच दिया। निवेशकों से भारी मात्रा में नगद एकत्रित कर कंपनी ने इसे हवाला के जरिए भारत भेज दिया।
निवेशकों ने दुबई कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दायर किया और कोर्ट ने उन्हें कारावास की सजा के साथ ही भारत भेजने का फैसला किया। निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ एक सिविल केस भी दायर किया। अदालत ने आरोपियों के यूएई आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अदालत द्वारा पारित निर्णय के बारे में पता चलते ही विवेक को छोड़कर सभी आरोपी भारत भाग गए। वहीं निवेशक रेड कॉर्नर नोटिस के माध्यम से अपराधियों को वापिस यूएई लाने के प्रयास में है।
निवेशक भारत में आपराधिक मामले दर्ज करने की तैयारी में हैं और इसके लिए ईओडब्ल्यू और ईडी से संपर्क कर रहे हैं। निवेशकों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने भारत आकर कई जगह संपत्ति और वाहन खरीदे हैं। आरोपियों ने भारत में साइबरक्लिप टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और मैजिकबंच मीडिया जोन प्राइवेट लिमिटेड नाम से नई कंपनियां भी चालू की है।
कीर्ति नगर निवासी अमित कुमार वैश्य और पीलीभीत, यूपी हरेंद्र प्रताप सिंह ने निवेशकों के कॉल का जवाब देना बंद कर दिया है, वहीं मनीष ट्रेस नहीं हो पा रहा है ।
(मूल रूप से Maverick Times में छपी यह खबर पीड़ितों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है। Maverick Times ने इस खबर पर दूसरा पक्ष जानने के लिए पीड़ित के माध्यम से कथित मास्टरमाइंड, विवेक से संपर्क करने की कोशिश की। जिसने कॉल और मेल का जवाब नहीं दिया।)