उत्तर प्रदेश:-कांग्रेस और घोटाला का सम्बंध तो जैसे विक्रम बैताल का, सत्ता में रहे तो विपक्षी तमाम घोटाले का आरोप लगाते रहे। अब विपक्ष में हैं तो खुद शीर्ष नेता घोटाले का आरोप लगा रहे हैं।
ताजा मामला किसान मांग पत्र घोटाले का आया है। प्रत्याशी बनने के लिए ऐसा फर्जीवाड़ा किया कि पूछिये नहीं। बताया जा रहा है कि अगस्त में शुरू हुए किसान मांग पत्र भरवाने के मामले में दावेादारों ने 80 फीसदी से ज्यादा फर्जीवाड़ा किया है। इस फर्जीवाड़े को पकड़ा है टीम पीके ने।
गौरतलब है कि अगस्त में जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली तक की किसान यात्रा शुरू हुई उसके साथ ही समूच उत्तर प्रदेश में हर विधानसभा के दावेदारों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा किसान मांग पत्र भरवाने का निर्देश पार्टी मुख्यालय से जारी किया गया है। लेकिन राहुल किसान यात्रा के खत्म होने के बाद जब प्रदेश भर से मांग पत्र एकत्र किया जाना लगा तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
टीम पीके जब सत्यापन को निकली और फार्म में भरे मोबाइल नंबरों पर फोन करना शुरू किया तो पता चला कि 90 प्रतिशत तो फेक नंबर मिले और जिन पर कॉल हुई भी उसमें से ज्यादातर ने कहा कि हमने कोई मांग पत्र नहीं भरा, हमारे पास तो कोई आया ही नहीं या हम तो इंतजार ही करते रह गए। सूत्रों की मानें तो बनारस और पूर्वांचल के कई दिग्गज नेताओं के फर्जीवाड़े को टीम पीके ने कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा दिया है। ऐसे ऐसे दिग्गज मिले हैं जिन्होंने घर बैठे ही मतदाता सूची के हिसाब से किसान मांग पत्र भरवा कर भेज दिया। बताया जा रहा है कि पार्टी ऐसे लोगों को ब्लैकलिस्टेड कर सकती है।
(साभार- पत्रिका यूपी)