लखनऊ:- देश भर में महिलाओं की सुरक्षा की बात को लेकर हमेशा से कोई न कोई मुहिम चलाया जाता है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया। जिसको लेकर अब काफी विवाद भी चल रहा है।
वहीं जब एंटी रोमियो स्क्वाड के खिलाफ याचिका दायर की गई, तो इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने इसको अच्छे तरीके से समझते हुए अपना फरमान सुनाया है।
सरकार के फैसले में दखल देने से साफ इनकार करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘कोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई कानूनी या संवैधानिक अवरोध नहीं है। कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमिलनाडु व गोवा की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी कानून बनाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि वास्तव में यह मॉरल पुलिसिंग नहीं, बल्कि प्रिवेंटिव पुलिसिंग यानी ऐसी पुलिसिंग है, जिसका काम महिलाओं के खिलाफ सरेआम छेड़खानी को होने से पहले रोकना है।
बतादें याचिकाकर्ता ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा था कि सरकार को प्रेमी जोड़ों की निजता में दखल और युवाओं को संदेह की दृष्टि से देखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया कि इस ऐंटी रोमियो स्क्वॉड के जरिए पुलिस की गलती कार्रवाई से समाज की शांति और सहिष्णुता प्रभावित हो सकती है।