ग्रेजुएशन के दौरान पढ़ाया गया था कि एक फोटो 1000 शब्द के बराबर होते हैं, लेकिन एक फोटो कैसे एक देश का पूरा सिस्टम हिला सकता है आज पता चला। यह फोटो किसी और की नहीं बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी की है।
4 जनवरी को पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की। साथ ही उन्होंने देशवासियों से अपील की विदेशी द्वीप घूमने की जगह एक बार लक्षद्वीप भी आएं। पीएम मोदी के इस पोस्ट से लक्षद्वीप से 750 किमी दूर बसा मालदीव में बवाल मच गया।
मालदीव नेताओं को लगी मिर्ची
मालदीव के नेताओं को पीएम मोदी के इस अपील पर मिर्ची लग गई। उन्होंने मालदीव से भारत का तुलना करने लगे। एक नेता ने लिखा कि मालदीव में जो सुविधा दी जाती है वह लक्षद्वीप में कैसे दे पाएगें। वहीं मालदीव सरकार की मंत्री ने हद पार करते हुए पीएम मोदी पर अपमानजक टिप्पणी कर दी। उन्होंने पीएम मोदी जोकर और कठपुतली करार दिया।
सोशल मीडिया पर शुरू हुआ वॉर
इसके बाद भारत में सोशल मीडिया पर वॉर छिड़ गया। सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा। लोग मालदीव का टिकट कैंसल करने लगे। जो आने वाले दिनों में मालदीव जाने वाले थे उन्होंने प्लान कैंसिल कर दिया।
धीरे-धीरे मामला इतना बढ़ गया कि भारतीय सेलिब्रिटिज भी साथ आ गए। सचिन तेंदुलकर, अक्षय कुमार, सलमान खान, जॉन अब्राहम, टाइगर श्रॉफ, श्रद्धा कपूर, जैकलीन समेत तमाम सेलिब्रिटी ने मालदीव के नेताओं की आलोचना कर लक्षद्वीप जाने की बात कही। साथ ही लोगों से भी #ExploreIndianIslands की अपील की। इसका असर ये हुआ कि मालदीव सरकार ने तत्काल प्रभाव से माफी मांगते हुए तीन नेताओं को पार्टी से सस्पेंड कर दिया।
पीएम मोदी की कूटनीतिक चाल
पूरा मामला अब शुरू से समझिए। दरअसल मामले की शुरुआत हुई मालदीव में नई सरकार बनने के बाद से। मोहम्मद मुइज्जू देश के नए राष्ट्रपति बने। मुइज्जू को चीन समर्थक राजनेता के रूप में देखा जाता है। चुनाव से पहले उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था।
सरकार बनते ही मुइज्जू ने सबसे पहले भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे समझौता रद्द कर दिया। इस समझौते के तहत भारत को मालदीव के क्षेत्रीय जल का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के साथ-साथ चट्टानों, लैगून, समुद्र तट और ज्वार के स्तर का अध्ययन और चार्ट बनाने की इजाजत मिली थी। साथ ही मालदीव सरकार भारत का विरोध करने लगी।
पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक
कुछ दिन तक मामला चलने के बाद 4 जनवरी को पीएम मोदी अचानक से लक्षद्वीप पहुंचे। वहां से उन्होंने समुद्र के बीच से कई तस्वीरें और वीडियो शेयर कर दिया और लोगों से लक्षद्वीप आने की अपील की। पहले तो लोगों को मामला कुछ समझ नहीं आया, लेकिन एक दिन के बाद अचानक से भूचाल मच गया।
लक्षद्वीप सर्च
पीएम मोदी की अपील से लोगों ने लक्षद्वीप सर्च करना शुरू कर दिया। गूगल पर अगले दो दिन तक सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड लक्षद्वीप बन गया। धीरे-धीरे मामला तूल पकड़ लिया। मालदीव में इसका विरोध होने लगा। भारतीय पर्यटक मालदीव से ज्यादा लक्षद्वीप को सर्च करने लगे।
लक्षद्वीप से मालदीव केवल 750 किमी की दूरी है। भारतीय पर्यटक ज्यादातर छुट्टियां मनाने के लिए मालदीव का रुख करते हैं। मालदीव की GDP 30 प्रतिशत पर्यटन पर निर्भर है, जिसमें सबसे ज्यादा पर्यटक भारतीय होते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल करीब 2 लाख भारतीय पर्यटक मालदीव जाते हैं। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप आने की अपील से मालदीव का टूरिजम सेक्टर डाउन होने लगा।
भारत बिना मालदीव कुछ नहीं
एक ही दिन में मालदीव से करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों ने होटल्स और फ्लाइट्स बुकिंग कैंसिल कर दी। मामला बिगड़ते देख वहां की विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने यहां तक कह दिया कि भारत हमारा सबसे अच्छा दोस्त है। जब कभी भी हमपर परेशानी आई है सबसे पहले भारत का साथ मिला है। कोरोना के दौरान भारत द्वारा मदद को भुलाया नहीं जा सकता।
मालदीव के विपक्षी नेताओं ने अपनी सरकार से साफ कह दिया कि यह देश भारत की मदद से बना और बिना उसकी मदद से नहीं चल सकता है। यहां तक कि इब्राहिम मोहम्मद सोलिह सरकार में विदेश मंत्री रहे अब्दुल्ला ने तो यह भी कह दिया कि भारत आजमाया हुआ मित्र है। हम अपना ही नुकसान कर रहे हैं।