BJP नेता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए पैंगबर मोहम्मद पर विवादित बयान के बाद करीब 16 मुस्लिम देशों ने भारत से मांफी की मांग की है। इनमें इराक, ईरान, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, मलेशिया, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, तुर्की और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं।
वहीं, अब इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक गलत बयान पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अरब देश लाखों उइगर मुस्लिमों पर किए जा रहे चीनी अत्याचारों पर खामोश क्यों रहते हैं। ये अरब देश कई बार चीन के उइगर मुस्लिमों के शोषण के बजाय उसका समर्थन करते नजर आए हैं।
क्या है चीन में उइगर मुस्लिम का मामला- Uighur Muslim China
चीन के शिनजियांग प्रांत में करीब 1.20 करोड़ उइगर मुस्लिम रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कई सालों से चीन उइगर मुस्लिमों का सुनियोजित तरीके से शोषण करता आ रहा है। चीन पर उइगर मुस्लिमों के नरसंहार से लेकर जबरन मजदूरी कराने, जबरन नसबंदी कराने और महिलाओं से रेप के आरोप हैं। मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि 2014 के बाद चीन ने नजरबंदी कैंपों में 10 लाख उइगर मुस्लिमों को कैद किया हुआ है।
2017 से चीन ने 16 हजार से ज्यादा मस्जिदों को नष्ट किया
रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 से शिनजियांग में चीन ने 16 हजार से ज्यादा मस्जिदों को नष्ट कर दिया है। इतना ही नहीं लाखों बच्चों को जबरन उनके माता-पिता से अलग करके बोर्डिंग स्कूलों में भेज दिया गया है। चीन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों से इस कदर सख्ती बरतता है कि मस्जिदों की निगरानी के लिए उनके आसपास सर्विलांस कैमरे लगवा रखे हैं। Uighur Muslim China
दाढ़ी भी रखना गुनाह
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन उइगर मुस्लिमों को उनकी दाढ़ी कटाने के लिए भी बाध्य करता रहा है। साथ ही चीन उइगर प्रवासियों से उनकी पर्सनल जानकारियां उसे सौंपने को मजबूत करता रहा है और उनके परिवार को धमकियां देता रहा है।
तुर्की एकमात्र मुस्लिम देश, जिसनें आवाज उठाई
तुर्की एकमात्र ऐसा मुस्लिम देश है, जिसने उइगर मुस्लिमों के मुद्दे पर चीन के खिलाफ आवाज उठाई। 2009 में तुर्की ने शिनजियांग में उइगरों के खिलाफ हिंसा का विरोध किया था, लेकिन चीन ने तुर्की के इस बयान पर कड़ा विरोध जताया था। चीन की नाराजगी की वजह से बाद में तुर्की ने इस मुद्दे पर बोलना बंद कर दिया।
उइगर मुस्लिम देशों की चीन पर खामोशी का क्या है कारण?
- 50 मुस्लिम देशों में 31 लाख करोड़ रुपए का चीनी निवेश
- सेंट्रल एशिया और मिडिल ईस्ट के कई देश चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी BRI से जुड़े हैं।
- चीन अब आर्थिक लिहाज से इस्लामिक देशों में अमेरिका की जगह ले रहा है
- कोरोना महामारी में चीन ने मुस्लिम देशों को फ्री में वैक्सीन की 1.5 अरब डोज दी थी
ऐसे में मुस्लिम देश उइगर का मुद्दा उठाकर चीन के साथ आर्थिक संबंधों को खराब नहीं करना चाहते।
डेटा सोर्स- दैनिक भास्कर