भोपाल:- रविवार को भोपाल के केंद्रीय कारागार से प्रतिबंधित संगठन सिमी के आठ कथित सदस्य जेल से फरार हुए। उसके बाद सोमवार दोपहर को पुलिस ने जेल से करीब 15 किलोमीटर दूर एक गांव में सभी फरार आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिरा दिया।
लेकिन उसके कुछ ही देर बाद से पुलिस के दावे पर सवाल उठने शुरू हो गए। कांग्रेस, सीपीएम, एआईएमआईएम जैसी पार्टियों ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
किन कारणों से सवाल उठ रहा है, पूरा मामला क्या है आइये हम आपको बताते हैं।
- 1-मुठभेड़ की खबर आने के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर होने लगे। एक वीडियो में पांच कैदी हाथ उठाकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की कोशिश करते दिख रहे हैं। लेकिन बाद में इन सभी को मुठभेड़ में मारा गया बताया गया। ऐसे ही एक दूसरे वीडियो में एक घायल कैदी को एक पुलिसवाला गोली मारता दिख रहा है। ऐसे ही एक तीसरे वीडियो जिसके कथित तौर पर किसी ग्रामीण ने बनाया है, एक पुलिसवाला एक कैदी के शव पर गोली चलाता दिख रहा है।
- 2- घड़ी, जूते और बेल्ट- सभी कैदियों के मारे जाने के बाद मीडिया में जो तस्वीरें सामने आईं उनमें वो घड़ी, जूते और बेल्ट पहने दिख रहे हैं।
- 3- चम्मच और चाकू से बंदूक का मुकाबला- मध्य प्रदेश पुलिस और राज्य के गृह मंत्री ने दावा किया कि सभी कैदी जेल में खाने के लिए मलिने वाली प्लेटों और चम्मचों के सुरक्षा गार्ड का गला काटकर फरार हो गए।
- 4- आठों फरार कैदी एक ही वक्त एक ही जगह- पुलिस के मुठभेड़ के दावे पर सबसे ठोस सवाल यही है कि जेल से भागने के करीब सात-आठ घंटे बाद सभी कैदी महज 15 किलोमीटर दूर एक ही वक्त एक जगह क्यों मौजूद थे?
- 5- भोपाल केंद्रीय कारागार को राज्य की सबसे सुरक्षित जेल मानी जाती है और वहां चौबीसों घंटे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की व्यवस्था है। इन सबके बावजूद कैदी फरार होने कामयाब कैसे हुए..?