प्रियंका गाँधी के आने से अब कई गुना ताकतवर हो जायगा कांग्रेस…

उत्तर प्रदेश :- उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता काफी दिनों से प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने की मांग कर रहे हैं। अब उनकी मांग पूरा  होता नज़र आ रहा, दरअसल  प्रियंका गाँधी चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार हो  गयी, मीडिया रिपोर्टों की मानें तो चुनाव प्रचार अभियान की तैयारियों को लेकर सोमवार को हुई पार्टी की एक अहम बैठक में प्रियंका गांधी शामिल हुईं। यह पहली बार है जब प्रियंका पार्टी की किसी आधिकारिक बैठक में शामिल हुई हैं

 

यूपी में जहां बसपा प्रमुख मायावती अपनी पार्टी की ओर से सीएम पद की दावेदार होंगी तो भाजपा में भी स्‍मृति ईरानी और सुषमा स्‍वराज का नाम चल रहा है। ऐसे में अब कांग्रेस प्रियंका के नाम के साथ मैदान में उतरेगी  है तो उसे फायदा ही होगा। प्रियंका युवा चेहरा भी हैं तो युवा वर्ग भी कांग्रेस के पक्ष में आ सकता है।

 

इससे पहले, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने  कहा था की  प्रदेश में राहुल गांधी के ‘शक्तिशाली’ अभियान में प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस की ताकत ‘कई गुना’ बढ़ जाएगी..

 
गौरतलब है की लंबे समय से कहा जा रहा है कि प्रियंका में उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। उनके भाषण देने की शैली भी इंदिरा जैसी ही है। आम जनता कांग्रेस के अन्‍य नेताओं के बजाय प्रियंका के भाषणों से जल्‍दी जुड़ाव महसूस करती हैं। रायबरेली में वे गांवों में जाती रहती हैं। वहां पर प्रियंका आसानी से उनसे घुलमिल जाती है। इसी तरह की आदत इंदिरा गांधी की भी थी

ऐसे में राजनीतिक समीक्षकों का कहना है की प्रियंका गाँधी के आने से अब कई गुना ताकतवर हो जायगा कांग्रेस।।

 

हो जाइये तैयार अगले 17 महीनों में आने वाली है ये भर्तियां…

नौकरी/परीक्षायें:-तैयार हो जाइये अब अगले 17 महीने में बम्फर भर्ती और परीक्षा होने है। कर्मचारीचयन आयोग (एसएससी) ने नवंबर 2016 से अप्रैल 2018 तक होने वाली भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया है। 17 महीनों में आयोग 23 भर्ती परीक्षाएं करेगा। 

  • आपको बता दें कि एसएससी की दो बड़ी भर्ती परीक्षाओं में से एक संयुक्त स्नातक स्तरीय भर्ती (सीजीएल) 2016 के पहले चरण की परीक्षा हो चुकी है। आठ नवंबर को इसका परिणाम घोषित किया जाना प्रस्तावित है। दूसरे चरण की परीक्षा तीस नवंबर से दो दिसंबर 2016 के बीच कंप्यूटर आधारित होगी। 
  • जूनियर इंजीनियर भर्ती 2016 के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। इस भर्ती के पहले पेपर की परीक्षा आठ, नौ और 12 दिसंबर 2016 को कंप्यूटर आधारित होगी। 
  • सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ), दिल्ली पुलिस एसआई और सीआईएसएफ एएसआई भर्ती 2016 के दूसरे पेपर की परीक्षा आठ दिसंबर 2016 को कंप्यूटर आधारित करवाई जाएगी।
  • एसएससी की दूसरी बड़ी भर्ती संयुक्त हायर सेकंडरी स्तरीय (सीएचएसएल) 2016 के पहले चरण की परीक्षा सात जनवरी से पांच फरवरी 2017 के बीच कंप्यूटर आधारित होगी।
  • दिल्ली पुलिस की परीक्षा मार्च में होगे सात मार्च 2017 के बीच कंप्यूटर आधारित होगी।
  •  मल्टी टास्किंग स्टाफ भर्ती यानि एमटीएस 2016 भर्ती का नोटिफिकेशन 24 दिसंबर को जारी होगा। 20 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। पहले पेपर की परीक्षा 16 और 30 अप्रैल तथा सात मई 2017 को ओएमआर आधारित कराई जाएगी जबकि दूसरे पेपर की दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों वाली परीक्षा 17 दिसंबर 2017 को होगी। 
  • सीएचएसएल 2016 के दूसरे चरण की दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों वाली परीक्षा चार जून 2017 को होगी।

बरकार है मोदी लहर, जानिए कैसे..??

वाराणसी:-2014 लोकसभा चुनाव में जिस तरह से नरेंद्र मोदी की लहर थी उसी प्रकार पीएम नरेन्द्र मोदी का लहर अभी भी कम नहीं हुआ है।

इसका सीधा उदाहरण सोमवार को संसदीय क्षेत्र में उनके प्रति दिवानगी देखि गयी। डीरेका में हुई जनसभा में अपार भीड़ उमड़ी। पीएम को सुनने की दिवानगी इतनी अधिक थी कि एक बार लगा कि मैदान ही छोटा पड़ जायेगा।

बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली में भी इतनी भीड़ नहीं हुई थी जितनी की पीएम मोदी की रैली में हुई है। आजमगढ़ व इलाहाबाद की रैली के बाद बसपा के लोगों ने दावा किया था कि मायावती की सभा में सबसे अधिक भीड़ होती है लेकिन पीएम मोदी की काशी में हुई एक रैली ने सारे दावों की हवा निकाल दी।
पीएम मोदी की रैली में आयी भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अभी भी उनका मैजिक खत्म नहीं हुआ है और काशी की जनता को अपने सांसद व पीएम से आज भी उतना ही प्यार है।

मुलायम सिंह होंगे यूपी के मुख्यमंत्री कर सकतें हैं अखिलेश को पदमुक्त, पढ़िये कैसे..?

लखनऊ:-अब पारिवारिक लड़ाई इस कदर बढ़ गया है कि इसका अब सुलह की कोई गुंजाईश नहीं दिख रहा है, इससे कई राजनीती समीक्षक का मानना है कि अखिलेश को अब पदमुक्त किया जा सकता है। और नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

गौरतलब है कि इस वक़्क्त पार्टी दो हिस्सों में बँट गई है। एक ओर मुलायम सिंह-शिवपाल हैं तो दूसरी ओर अखिलेश यादव हैं। यही कारण है कि मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में अखिलेश यादव ने भाग नहीं लिया।

बकौल राजनीति समीक्षक इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया धमाका हो सकता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को विधानमंडल दल का नेता चुना जा सकता है। ऐसी स्थिति में मुलायम सिंह यूपी के मुख्यमंत्री बन जाएंगे। अखिलेश यादव यूपी की सत्ता से बाहर हो जाएंगे।

मुलायम सिंह यादव दूरदृष्टा हैं। वे दूर की सोचकर फैसले करते हैं। एक बार फैसला कर लेते हैं तो पीछे नहीं हटते, फिर चाहे कितना ही नुकसान हो। किसी का समर्थन करना है तो खुलकर करते हैं। यही कारण है हर पार्टी के बड़े नेता से उनके व्यक्तिगत संबंध बहुत मधुर हैं। इसका प्रमाण यही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सैफई में शादी समारोह में पहुंचे थे।

अब इसका फैसला आज हो रहे बैठक में शाम तक सब सामने आ जायेगा।

जानिए कैसे एक दिन में पूरा बिखर गया समाजवादी पार्टी..??

लखनऊ:-​समाजवादी पार्टी में पारिवारिक लड़ाई कोई नई बात नहीं है ये काफ़ी दिनों से चला आ रहा, कभी चाचा  भतीजे से तो कभी बाप बेटे से तो कभी भाई भाई से ये रुकने का नाम नही ले रहा था।

लेकिन रविवार के दिन ऐसा क्या हुआ जो पार्टी में दरार इस कदर आ गयी..??

आइये हम आपको बताते है क्या हुआ रविवार के दिन…

कई दिनों से चल रहे विवाद में शिवपाल ने रामगोपाल पर कई आरोप लगाए जा रहे थे, सारे आरोपो का जवाब देने के लिए रामगोपाल ने एक क्रन्तिकारी सार्वजनिक चिट्ठी लिख डाली जिसमे उन्होंने अखिलेश का समर्थन करते हुए शिवपाल पर तीखा प्रहार भी किये।
इसके थोड़ी देर बाद अखिलेश ने मीटिंग बुलाई जिसमे राजा भैया समेत कई बड़े नेता को बुलाया लेकिन शिवपाल और उनके समर्थकों को नही बुलाया गया, और थोड़ी देर बाद खबर आयी शिवपाल, जयाप्रदा समेत 7 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया।

ये सब होने के बाद शिवपाल ने रामगोपाल को समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया , रामगोपाल के निकाले जाने से अखिलेश यादव के साथ साथ अब कई नेता सकेते में आ गए है और इससे अखिलेश काफी गुस्से में भी आ गए है।

शाम होते होते शिवपाल सिंह ने भी एक सार्वजनिक खत लिख डाला जिसमे उन्होंने लिखा रामगोपाल वर्मा ये सब भाजपा के इशारे पर कर रहें हैं। उनके बेटे और बहू खुद घोटाले में फसे हैं इसलिए सीबीआई से उन्हें बचाने के लिए वह ये कर रहे है। इसके अलावा वो पार्टी को और परिवार को लड़ाने का काम कर रहें है जिसके वजह से पार्टी से निकाला गया।

अब सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में एक बड़ी बैठक बुलायी है जिसके  बाद लग रहा अब मामला आर या पार होगा।

सपा पर गिरी गाज, अखिलेश यादव ने शिवपाल समेत कई मंत्रियों को किया बर्खास्त…

लखनऊ:-कई दिनों से चल रहे परिवारिक सियासी लड़ाई में एक बार फिर अखिलेश यादव एक्शन में आ गये हैं , और इस बार उन्होंने एक के बाद एक 7 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है जिसमे चाचा शिवपाल को भी नही छोड़ा उनके साथ साथ मंत्री नारद राय, मंत्री ओमप्रकाश, मंत्री शादाब फातिमा, गायत्री प्रजापति, मदन चौहान और जयाप्रदा भी बर्खास्त किए गए है। इसमें 6 कैबिनेट मंत्री व एक दर्जा प्राप्त मंत्री है।

इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने सरकारी आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। बैठक में शिवपाल सर्मथकों को नहीं बुलाया गया था। इस बैठक में किसी को भी फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी मुख्यमंत्री ने बर्खास्तगी की चिट्ठी राज्यपाल राम नाईक को भेज दी है।

बैठक में शामिल हुए एक विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी पार्टी को कमजोर करेगा उसे बख्‍शा नहीं जाएगा
विधायक के अनुसार बैठक में शिवपाल यादव का नाम नहीं लिया गया, अमर सिंह का नाम लिया गया। वहीं, अलग पार्टी बनाने की कोई चर्चा नहीं हुई। विधायक ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक है और एक होकर ही चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी।

मार्कंडेय काटजू ने कहा अब उठाओ बंदूक…

कानपुर:-अपने बेबाक बयान से हर समय सुर्ख़ियों में बने रहने वाले मार्कंडेय काटजू एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं, लेकिन इस बार काटजू ने भ्रष्टाचार और अन्याय के लिए बोला है।

मार्कंडेय काटजू ने कहा कि अब वोट और इलेक्शन का जमाना खत्म हो रहा है। हर जगह भ्रष्टाचार और अन्याय है, अब क्रांति की जरूरत है, बंदूक की जरूरत है। 

बिना लड़ाई लड़े कुछ नहीं होने वाला। अब बंदूक चलेगी। जस्टिस काटजू ने देश के 50 प्रतिशत सांसदों को क्रिमिनल और 100 प्रतिशत सांसदों को भ्रष्ट बताया। इसके अलावा उन्होंने देश की न्यायिक व प्रशासनिक व्यवस्था को भी पूरी तरह से भ्रष्ट बताया

गौरतलब है कि जस्टिस काटजू शुक्रवार को आईआईटी कानपुर के कल्चरल फेस्ट ‘अंतराग्नि 2016’ के टॉक शो में स्टूडेंटों से सीधा संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब देश संभालना है तो एक नई क्रांति की जरूरत है। इसमें बलिदान देना होगा।

चीन की क्रांति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान जितनी जानें गई थीं, शायद उससे कहीं ज्यादा जानें इस क्रांति में जाएं लेकिन क्रांति होनी चाहिए। बिना लड़ाई के कुछ हासिल नहीं होगा। ये आसान नहीं है लेकिन करना पड़ेगा।

 

एक छात्र ने अरविंद केजरीवाल पर सवाल पूछा तो बिना हिचक जस्टिस काटजू ने केजरीवाल को फ्रॉड कह डाला। बोले, पहले मैं सोचता था कि ये कुछ नई तरह की राजनीति करेगा, लेकिन यह तो सबका खिलाड़ी निकला। 

उन्होंने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया। बोले, बीजेपी के पास चुनाव जीतने के लिए अब सिर्फ मुस्लिमों का खून बहाना या फिर पाकिस्तान से युद्ध करने का उपाय रह गया है।

देश के 50 प्रतिशत सांसद क्रिमिनल और 100 प्रतिशत भ्रष्ट है:- मार्कंडेय काटजू

कानपुर:-अपने बेबाक बयान से हर समय सुर्ख़ियों में बने रहने वाले मार्कंडेय काटजू एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं, लेकिन इस बार काटजू ने भ्रष्टाचार और अन्याय के लिए बोला है।

मार्कंडेय काटजू ने कहा कि अब वोट और इलेक्शन का जमाना खत्म हो रहा है। हर जगह भ्रष्टाचार और अन्याय है, अब क्रांति की जरूरत है, बंदूक की जरूरत है। 

बिना लड़ाई लड़े कुछ नहीं होने वाला। अब बंदूक चलेगी। जस्टिस काटजू ने देश के 50 प्रतिशत सांसदों को क्रिमिनल और 100 प्रतिशत सांसदों को भ्रष्ट बताया। इसके अलावा उन्होंने देश की न्यायिक व प्रशासनिक व्यवस्था को भी पूरी तरह से भ्रष्ट बताया

गौरतलब है कि जस्टिस काटजू शुक्रवार को आईआईटी कानपुर के कल्चरल फेस्ट ‘अंतराग्नि 2016’ के टॉक शो में स्टूडेंटों से सीधा संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब देश संभालना है तो एक नई क्रांति की जरूरत है। इसमें बलिदान देना होगा।

चीन की क्रांति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान जितनी जानें गई थीं, शायद उससे कहीं ज्यादा जानें इस क्रांति में जाएं लेकिन क्रांति होनी चाहिए। बिना लड़ाई के कुछ हासिल नहीं होगा। ये आसान नहीं है लेकिन करना पड़ेगा।

 

एक छात्र ने अरविंद केजरीवाल पर सवाल पूछा तो बिना हिचक जस्टिस काटजू ने केजरीवाल को फ्रॉड कह डाला। बोले, पहले मैं सोचता था कि ये कुछ नई तरह की राजनीति करेगा, लेकिन यह तो सबका खिलाड़ी निकला। 

उन्होंने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया। बोले, बीजेपी के पास चुनाव जीतने के लिए अब सिर्फ मुस्लिमों का खून बहाना या फिर पाकिस्तान से युद्ध करने का उपाय रह गया है।

कांग्रेस का एक और घोटाला सामने आया…

उत्तर प्रदेश:-​कांग्रेस और घोटाला का सम्बंध तो जैसे विक्रम बैताल का, सत्ता में रहे तो विपक्षी तमाम घोटाले का आरोप लगाते रहे। अब विपक्ष में हैं तो खुद शीर्ष नेता घोटाले का आरोप लगा रहे हैं।

ताजा  मामला किसान मांग पत्र घोटाले का आया है। प्रत्याशी बनने के लिए ऐसा फर्जीवाड़ा किया कि पूछिये नहीं। बताया जा रहा है कि अगस्त में शुरू हुए किसान मांग पत्र भरवाने के मामले में दावेादारों ने 80 फीसदी से ज्यादा फर्जीवाड़ा किया है। इस फर्जीवाड़े को पकड़ा है टीम पीके ने।

गौरतलब है कि अगस्त में जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की देवरिया से दिल्ली तक की किसान यात्रा शुरू हुई उसके साथ ही समूच उत्तर प्रदेश में हर विधानसभा के दावेदारों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा किसान मांग पत्र भरवाने का निर्देश पार्टी मुख्यालय से जारी किया गया है। लेकिन राहुल किसान यात्रा के खत्म होने के बाद जब प्रदेश भर से मांग पत्र एकत्र किया जाना लगा तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

 टीम पीके जब सत्यापन को निकली और फार्म में भरे मोबाइल नंबरों पर फोन करना शुरू किया तो पता चला कि 90 प्रतिशत तो फेक नंबर मिले और जिन पर कॉल हुई भी उसमें से ज्यादातर ने कहा कि हमने कोई मांग पत्र नहीं भरा, हमारे पास तो कोई आया ही नहीं या हम तो इंतजार ही करते रह गए। सूत्रों की मानें तो बनारस और पूर्वांचल के कई दिग्गज नेताओं के फर्जीवाड़े को टीम पीके ने कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा दिया है। ऐसे ऐसे दिग्गज मिले हैं जिन्होंने घर बैठे ही मतदाता सूची के हिसाब से किसान मांग पत्र भरवा कर भेज दिया। बताया जा रहा है कि पार्टी ऐसे लोगों को ब्लैकलिस्टेड कर सकती है।

(साभार- पत्रिका यूपी)

क्या राम दिलायेंगे राज्य..??

यूपी चुनाव:-कुछ महीने बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। इस बात का इल्म चुनाव आयोग कराए, उसके पहले ही राम के प्रति राजनीतिक दलों के मन में पनपे प्रेम से हो जाता है। उत्तर प्रदेश का मतदाता राम के नाम की राजनीति बढ़ते ही अंदाज लगा लेता है कि चुनाव सर पर हैं।

यूपी चुनाव में राम का नाम मानो वोट बैंक हो गया है, लगता तो है जैसे राम ही अब राज्य दिला सकतें हैं। 

शायद इसलिए नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव को राम याद आए हैं। कोई राम को संग्रहालय में रखना चाहता है, तो कोई राम के नाम पर थीम पार्क बनवाने का एलान कर चुका है। इस बीच केंद्र के एक मंत्री ने यहां तक कह दिया है कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि रामराज कायम हो। नजरें उन रामावलंबियों पर है जिनकी संख्या उत्तर प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट पर है। 

बहरहाल जनता माने या ना माने लेकिन अब राम के नाम पर चल रही ये सियासी गर्मी तो यही संकेत दे रहा की अपनी चुनावी भाषण में जो राम का नाम जो ज्यादा लेगा और जो राम के लिए ज्यादा कुछ करने का वादा करेगा उसको राज्य मिलने की संभावना ज्यादा रहेगी