नई दिल्ली- राजधानी दिल्ली में इस वक़्त चिकनगुनिया को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, अब तक 255 संभावित मरीज़ सामने आ चुके है और 10 की मौत हो चुकी है।
आइये जानतें है क्या है ये चिकनगुनिया
चिकनगुनिया सबसे पहले अफ्रीका स्थित तंजानिया और मोजांबिक के पास मकोंडे नामक स्थान पर 1952-53 में फैला था। उसके बाद यह फिलीपींस में आया। चूंकि इसके शिकार व्यक्ति के जोड़ों मे भयानक दर्द होता है स्थानीय मकोंडे भाषा में चिकनगुनिया का अर्थ होता है वो जो दुहरा कर दे। जो झुका दे। भारत में 1960 के बाद इसके फैलने की रिपोर्ट है। फिजिशियन डॉ सुरेंद्र दत्ता से हमने इसके लक्षण और बचाव के बारे में विस्तार से बातचीत की।
लक्षण और बचाव:-
चिकनगुनिया बुखार आमतौर पर जानलेवा नहीं होता लेकिन पहले से बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के जीवन के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। बदन दर्द, ज्वाइंट में दर्द, चकत्ते निकलना, बुखार, सिर दर्द, कमजोरी, भूख न लगना और उल्टी, खांसी, जुकाम इसके प्रमुख लक्षण हैं।
-किसी भी तरह मच्छरों से अपने आप को बचाएं। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर हो या बाहर पूरे कपड़े पहनें। आसपास पानी जमा न होने दें। जो इंफेक्टेड है उसे मच्छरों से बचाना इसलिए जरूरी है क्योंकि मच्छर उसे काटकर दूसरों में बीमारी फैला सकते हैं।